आवाज़ ए हिमाचल
गोपाल दत्त शर्मा,राजगढ़
28 नवंबर।प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही ’’मुख्यमंत्री नूतन पॉलीहाउस योजना’’ प्रदेश के किसानों व बागवानों के लिए वरदान साबित हो रही है। किसानों को अपने खुले खेतों में बहुत मेहनत करने के बावजूद मौसम की स्थिति प्रतिकूल रहने पर खेती का उचित लाभ नहीं मिल पाता था, जिस कारण उन्हें मायूसी व निराशा जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। किसानों को उनकी मेहनत का उचित लाभ मिले इसी को मध्यनज़र रखते हुए प्रदेश सरकार किसानों को पॉलीहाउस स्थापित करने के लिए 85 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है ताकि वह पॉलीहाउस स्थापित कर इसमें फल व सब्जियां पैदा कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकें और साथ-साथ उन्हें अपने घरद्वार पर ही स्वरोजगार भी उपलब्ध हो सके।
सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल की ग्राम पंचायत शिलांजी के गांव पंचड गांव की कोला देवी ने बताया कि दिन-रात खेतों में फसल व सब्जियां उगाने के लिए कड़ी मेहनत करती थी मगर खेतों में लगाई गई फसल व सब्जियां असमय बारिश, हवा व तूफान आने पर तैयार होने से पहले ही नष्ट व खराब हो जाती थी, जिसके कारण उन्हें बाजार में बेचना तो दूर की बात बल्कि अपने इस्तेमाल के लिए भी नहीं बचा पाती थीं। वह प्राय इसी उधेड़भुन में लगी रहती थीं कि कोई ऐसा दूसरा विकल्प ढूंढा जाए जिससे प्रतिकुल मौसम में भी सब्जियां व फल तैयार किया जा सके।
कोला देवी ने बताया कि इसी बीच उन्हें गांव के एक अन्य किसान ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को पॉलीहाउस लगाने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसका लाभ उठाने के लिए कृषि विभाग को आवेदन करना होता है। इसके उपरान्त उन्होंने पॉलीहाउस के लिए कृषि विभाग कार्यालय राजगढ़ में आवेदन किया। विषय वाद कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा आरम्भ की गई मुख्यमंत्री नूतन पॉलीहाउस योजना योजना के तहत सरकार द्वारा किसानों को पॉलीहाउस लगाने के लिए लिए 85 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है, जिसमें किसान को केवल 15 प्रतिशत राशि ही देनी होती है और ग्रीनहाउस के क्षेत्रफल के हिसाब से अनुदान दिया जाता है। कृषि विशेषज्ञ से जानकारी मिलने के बाद उन्होंने इस योजना का लाभ लेने के लिए सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर कृषि विभाग राजगढ़ को प्रस्तुत किया, जिसके उपरान्त कृषि विभाग द्वारा 252 वर्ग मीटर क्षेत्र में पॉलीहाउस लगाने के लिए 3 लाख 17 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई और इस पर 2 लाख 69 हजार 450 रूपये का अनुदान दिया गया, जबकि कोला देवी ने पॉलीहाउस स्थापित करने के लिए अपनी जेब से मात्र 47 हजार 550 रूपये ही व्यय किए।
कोला देवी का कहना है कि पॉलीहाउस में उगाई जाने वाली सब्जियां, फल व पौधों को देखभाल करने में आसानी होती है और इन्हें कम पानी, सीमित सौर किरणों, कम कीटनाशकों और न्यूनतम उर्वरक के साथ नियंत्रित वातावरण में उगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, कीट और कीड़े कम होते हैं जिससे कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव भी बार-बार करने की आवश्यकता नहीं पड़ती और फसलों को पूरे साल उगाया जा सकता है। किसी भी मौसम में फसलों के लिए सही वातावरण होने से किसान अपनी फसलों को सुरक्षित भी रख सकते हैं।
कोला देवी का कहना है कि पॉलीहाउस में खुले खेतों की अपेक्षा बेमौसमी सब्जियों भी उगाई जा सकती हैं और फल व सब्जियों का उत्पादन भी ज्यादा होता है। इसमें तैयार की जाने वाली सब्जियां व फल ताजे होते हैं जिससे बाजार में इन उत्पादों के अच्छे दाम मिलते हैं। ग्रीनहाउस में तैयार किए गए टमाटर, शिमला मिर्च, गाजर व फ्रांसबीन आदि सब्जियों से उन्हें सालाना लगभग एक लाख रूपये आमदनी होती है। वह कहती हैं कि इस योजना से उन्हें भरपूर लाभ मिला है। उन्होंने प्रदेश के किसानों को अनुदान पर पॉलीहाउस उपलब्ध करवा कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया है ।।