आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
24 नवंबर।कुष्ठ रोग ईलाज योग्य बीमारी है। यह एक ऐसा रोग है जो माईकोवैक्टीरियम लैपरी के कारण होता है, न कि किसी अभिशाप व पाप के कारण। इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ प्रकाश दरोच ने बताया कि यह बीमारी अभी एक आम स्वास्थ्य समस्या नहीं है लेकिन अभी भी इसका विषाणु वातावरण में व्याप्त है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला में केवल 5 कुष्ठ रोगी उपचाराधीन हैं। जिनका सरकारी चिकित्सालयों में निशुल्क ईलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी खांसने, छिकने व लम्बे समय तक बिना उपचार के संक्रमित रोगी के साथ रहने से फैलती है। उन्होंने बताया कि इसके कारण व्यक्ति की त्वचा पर हलके पीले रंग के दाग, तांबे रंग के दाग, जिनमें छूने पर चेतना का एहसास न हों, शरीर के किसी भाग में नसों का मोटा होना, हाथों की उंगलियों की पकड कम होना, आंखों की पलकों का बन्द न होना, भोहों के बालों का गिरना, शरीर के घावों का लम्बे समय तक ठीक न होना, हाथ पांव की उगलियों का टेढ़ा- मेढ़ा होना तथा हाथ-पांव में गर्म-ठंडे का एहसास न होना कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिला को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे है। लोगों को कुष्ठ रोग के ल़क्षणों और निवारण तथा समाज में इस रोग के बारे में फैली भ्रातियों को दूर करने के बारे में जागरूक करने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति में लक्षण पाए जाते हैं तो तुरन्त चिकित्सक को दिखाए। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग साध्य रोग है इसका पूर्ण इलाज करने से मरीज पूर्ण रुप से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है। जितना जल्दी हो जांच कराकर समय पर इलाज करवाकर अपंगता से बचा जा सकता है।