आवाज़ ए हिमाचल
17 नवंबर । गत दिवस मुख़्यमंत्री जयराम ठाकुर ने धर्मशाला में प्रदेश भर के सभी जिलों के लिए जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी के आर्थिक सहयोग से 1010.60 करोड़ रुपए की फसल विविधिकरण संवर्धन परियोजना चरण-2 का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों व वैज्ञानिकों को दफ्तरों के बजाए अधिक समय किसानों के खेतों में लगाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि इन क्षेत्रों में कुल जनसंख्या के 90 प्रतिशत से अधिक लोग रहते हैं और लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या अपनी,
आजीविका के लिए कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधनों और कोरोना महामारी के कारण मंदी के बावजूद, वर्तमान सरकार ने राज्य के सर्वांगीण और समान विकास के लिए सिंचाई, कृषि, बागबानी, वानिकी और संबद्ध क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं। जाइका सहायता प्राप्त फसल विविधिकरण परियोजना के दूसरे चरण को राज्य के सभी 12 जिलों में लागू किया जाएगा। इससे राज्य के किसान परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को अधिक बढ़ावा मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य फसल विविधिकरण के एक सफल मॉडल का प्रसार करना और 2031,
तक परियोजना क्षेत्र में सब्जी उत्पादन क्षेत्र को 2500 हेक्टेयर से बढ़ाकर 7000 हेक्टेयर करना है। राज्य सरकार ने किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए मार्केट यार्ड का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है, जिससे किसानों को अपने उत्पादों के विपणन के लिए आसान पहुंच और बेहतर मूल्य मिल सके। समारोह में गेस्ट ऑफ ऑनर और जाइका-इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि सैटो मित्सुनोरी ने कहा कि जाइका इंडिया, जापान का सबसे बड़ा और विकास का सबसे पुराना भागीदार है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य सतत और जलवायु अनुकूल कृषि विकास है।