आवाज़ ए हिमाचल
जीडी शर्मा ( राजगढ़ )
13 नवंबर । राजगढ़ विकास खंड के देवठी मंझगांव में लगने वाला ऐतिहासिक धार्मिक एवं पांरपरिक जिला स्तरीय एकादशी मेला इस वर्ष 14 से 20 नवंबर तक मनाया जाएगा। मेला समिति के सदस्य रमेश सरैक ने बताया कि 14 नवंबर को हरिप्रबोधनी एकादशी पर्व पर मेले का शुभारंभ रूद्र देवता की पांरपरिक पूजा से होगा। इस दौरान रूद्र देवता प्रमुख मंदिर से निकलकर सात दिनों तक एक अन्य मंदिर, जिसे मौड़ कहते हैं, में लोगों के दर्शनार्थ मौजूद रहेगें।
सरैक ने बताया कि मेले का विशेष पर्व 18 व 19 नंवबर को होगा तथा 20 नंवबर को मेले के समापन पर देवता अपने पुराने मंदिर के लिए विदा हो जाएंगे। मेला के दौरान सामूहिक नृत्य करने के अतिरिक्त रात्रि को करियाला अथवा ड्रामा का आयोजन किया जाता है। सरैक ने कहा कि बीते वर्ष कोरोना का साया होने के कारण सांकेतिक रूप में मनाया गया था जिसमें केवल धार्मिक परंपराओं को निर्वहन किया जाएगा। परंतु इस वर्ष स्थानीय स्तर पर कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। रमेश सरैक ने बताया कि,
14 नवंबर को हरिप्रबोधनी एकादशी उपरांत इस क्षेत्र के छः गांवों में रूद्र महाराज के जागरा कार्यक्रम आरंभ हो जाएंगे। जिसमें पहले दिन का जागरा देवठी में , दूसरा मझगांव में , तीसरा कूंथल, चौथा लवाणा में, पांचवा ठारू और छठा व अंतिम जागरा मधैईक का होगा। इस जागरे में लोग अपने घरों में पटांडे बनाते हैं जिसे दाल व घी के साथ लोगों को परोसते हैं। छः दिन के जागरे के उपरांत सातवें दिन रूद्र महाराज के गुर सामूहिक नृत्य में भाग लेते हैं। उसके उपंरांत देवता अपनी पुरानी देवठी को प्रस्थान कर देते हैं।