शिमला मानवाधिकार आयोग ने आदमखोर तेंदुए के खिलाफ जारी किए डेथ वारंट

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आवाज़ ए हिमाचल
11 नवम्बर। राज्य मानवाधिकार आयोग ने कनलोग में अगस्त में 5 साल की बच्ची को तेंदुए द्वारा उठाने और उसके मारे जाने पर कड़े आदेश जारी कर दिए हैं। आयोग ने इस तेंदुए को तत्काल जिंदा पकड़ने या तुरंत मारने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश सभी पक्षों को सुनने और आयोग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट आने के बाद जारी किए गए हैं। एक महीने के भीतर आसपास के सभी तेंदुओं को भी चिह्नित और टैग करने के लिए कहा है।

साथ ही बच्ची की दादी को भी 4 लाख रुपये की पूरी मुआवजा राशि देने के आदेश दिए हैं। यहां बता दें कि दिवाली की रात एक और बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया था। इससे पहले कनलोग में 5 अगस्त 2021 को पांच साल की बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा और सदस्य डॉ. अजय भंडारी ने निर्णय में कहा कि,

यह मानवाधिकार हनन का मामला है। इस तेंदुए को मानव जीवन के लिए खतरा घोषित किया जाता है। तेंदुए ने इस छोटी बच्ची को पहले से ही सुनियोजित तरीके से मारा। अगर उस आदमखोर तेंदुए को पकड़ा जाना संभव नहीं है तो उसे तत्काल मारा जाना चाहिए। डीएफओ शहरी शिमला एवं वाइल्ड लाइफ वार्डन तेंदुए का तत्काल डेथ वारंट जारी करे ।

 

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