आवाज़ ए हिमाचल
6 नवंबर। भले ही बीबीएन समेत पूरे प्रदेश में दिवाली पर उद्योग बंद रहे। लेकिन लोगों के जमकर पटाखे फोड़ने से हवा दूषित हो गई। सबसे बुरी हालत बद्दी, नालागढ़, कालाअंब, डमटाल, सुंदरनगर, मनाली और अन्य शहरों की है। शिमला की आबोहवा संतोषजनक रही। प्रदेश भर में प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर रोक थी। लेकिन, बहुत कम लोगों ने ग्रीन पटाखे चलाए। रोक के बावजूद रात आठ बजे से पहले और 10 बजे के बाद भी पटाखों का शोर सुनाई दिया।
औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) माह में 15 दिन मॉडरेट जोन में रहता है। दिवाली पर हालांकि उद्योग बंद रहे लेकिन आतिशबाजी के प्रदूषण से हवा की गुणवत्ता मॉडरेट जोन में रही। जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत रही। बद्दी का एयर क्वालिटी एंडेक्स सबसे ज्यादा 165, पीएम-10 197 और पीएम 2.5 -29.11 रहा जो बेहद चिंताजनक है। बीबीएन में करीब तीन हजार छोटे बड़े उद्योग हैं। इन उद्योगों से निकलने वाले पार्टिकल हवा में मिल जाते हैं,
जो हवा की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव डालते हैं। इससे लगातार हवा दूषित होती रही है। वहीं, नालागढ़ विकास मंच के अध्यक्ष ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने लोगों को ग्रीन पटाखे चलाने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने पटाखे फोड़ने के लिए समय निर्धारित किया था लेकिन समयसीमा समाप्त होने के बाद भी लोग पटाखे फोड़ते रहे। पुलिस व स्थानीय प्रशासन भी मूकदर्शक बना रहा।