आवाज़ ए हिमाचल
05 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि वह कल दिवाली के पर्व पर सीमा पर अपने सैनिकों के साथ थे और आज उन सैनिकों की भूमि पर हूं। मोदी ने आज केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना के बाद आदिगुरु शंकराचार्य की मूर्ति और समाधि का अनावरण तथा ढांचागत परियोजनाओं के, आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम, अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, लोकार्पण के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने त्योहारों की खुशियां देश के वीर जवानों के साथ बांटी है। मैं 130 करोड़ देशवासियों का प्रेम और आशीर्वाद लेकर सेना के जवानों के बीच गया था
और उनकी ही भूमि पर आया हूं। उन्होंने कहा कि ये भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बहुत अलौकिक दृश्य है। कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता। केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है। उन्होंने कहा कि आज आप सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम, अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि,
मनीषी एवं अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। मोदी ने कहा कि इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की ज़िम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूं।