आवाज़ ए हिमाचल
12 अक्तूबर। 1952 के पहले लोकसभा चुनावों के बाद वर्तमान तक प्रदेश में महज तीन महिलाएं ही लोकसभा सांसद बन सकी हैं। संसद की दहलीज तक पहुंचने वाली तीनों महिलाएं राज परिवार से सम्बंधित हैं। कांग्रेस टिकट से चुनाव लड़ी हैं। प्रदेश में पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर रही है।
26.92 लाख पुरुष मतदाताओं के मुकाबले 26.33 लाख महिला मतदाता हैं। महिलाएं संसदीय चुनावों में अपनी छाप छोड़ने में विफल रही हैं। इसका कारण है कि राजनीतिक दलों ने उन्हें मैदान में उतारना ज्यादा पसंद नहीं किया।राजनीतिक परिवारों से आने वाली महिलाओं को,
ही मैदान में उतारा गया और चुनाव भी जीता। अब 2021 के उपचुनाव में कांग्रेस ने छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारकर सहानुभूति के साथ महिला कार्ड चला है।