आवाज़ ए हिमाचल
04 अक्तूबर । हिमाचल में हो रहे भूस्खलन की घटनाओं और उससे हो रहे जानमाल के नुकसान को देखते हुए सरकार ने अब अर्ली वार्निंग सिस्टम बनाने की शुरुआत कर दी है। इसी के चलते मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई है। प्रदेश के आपदा प्रबंधन सेल और पर्यावरण एवं विज्ञान विभाग के अधिकारी शामिल हुए थे।
बैठक के दौरान पिछले कुछ समय में किन्नौर से लेकर शिमला, कुल्लू और चंबा में हुई भूस्खलन की घटनाओं और उनके हुए नुकसान पर चर्चा की गई। तय हुआ कि एक अर्ली वार्निंग सिस्टम तैयार किया जाएगा। इसकी मदद से भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में किसी भी अन्य आपदा की तरह पूर्व में चेतावनी जारी की जा सके।
इससे न सिर्फ जानमाल के नुकसान को बचाया जा सकेगा। साथ ही विभिन्न तरह के विकास कार्यों के लिए जब भी कहीं पहाड़ की कटिंग की जाएगी। उस समय भी आपदा प्रबंधन सेल के इस सिस्टम की मदद ली जाएगी। इसके रिपोर्ट तैयार होने के बाद इस पर आईटी विभाग के साथ मिलकर एक सिस्टम तैयार करने की कवायद शुरू की जाएगी।