आवाज़ ए हिमाचल
22 सितंबर।नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन के कांगड़ा जिला प्रधान रजिंदर मन्हास ने कहा कि लगातार प्रदेश सरकार की अनदेखी से एनपीएस कर्मचारी हताश है और गुस्से में हैं, क्योंकि विजन डॉक्यूमेंट में पुरानी पेंशन बहाली हेतु कमेटी फ्रेम करने की बात कर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई,पर सत्ता में आने के बाद अपना वादा भूल गई।उन्होंने कहा कि अब 4 साल का समय बीत जाने के बावजूद भी इस कमेटी का गठन हिमाचल प्रदेश में अभी तक नहीं हो पाया है। इसके अलावा केंद्र सरकार की 2009 की अधिसूचना भी अभी तक हिमाचल में लागू नहीं हुई है जबकि इसका वादा मुख्यमंत्री ने तपोवन में किया था। जिला प्रधान ने कहा कि जल्द सरकार ने इस विषय में निर्णय नही लिया तो, दिसम्बर माह में एसोसिएशन तपोवन में विधानसभा सत्र के दौरान वादा याद दिलाओ रैली करेगी, जिसमें सभी जिलों के कर्मचारी भाग लेंगे। जिला प्रधान ने बताया कि कांगड़ा में एसोसिएशन के 20 खंडों में एनपीएस कर्मचारी लगातार बैठक कर रहे हैं, जिसमें अलग-अलग विभागों के सैकड़ों कर्मचारी एक मांग पुरानी पेंशन बहाली हेतु उपस्थित हो रहे हैं।जिला प्रधान ने कहा कि हर खंड की खंड कार्यकारिणी का विस्तार भी किया जा रहा है।जिला प्रधान ने एसोसिएशन की इस सप्ताह होने वाली बैठकों की जानकारी देते हुए बताया कि 23 सितंबर को खंड कोटला की बैठक लोक निर्माण विभाग के विश्रामगृह कोटला में दोपहर एक बजे रखी गई है । 24 सितंबर को दोपहर 3 बजे कांगड़ा खंड की बैठक टांडा मेडिकल कॉलेज में रखी गई है, इसके साथ ब्लॉक ज्वालामुखी और ब्लॉक देहरा की संयुक्त बैठक देहरा बीआरसी हाल देहरा में25 सितंबर को 3 बजे रखी गई है।उन्होंने बताया कि रविवार 26 सितंबर को पालमपुर ब्लॉक की बैठक पालमपुर विश्राम गृह में सुबह 11 बजे, फतेहपुर खंड की बैठक दोपहर 3 बजे राजकीय उच्च विद्यालय फतेहपुर और इंदौरा ब्लॉक की बैठक इसी दिन सुबह 11 बजे राजकीय महाविद्यालय इंदौरा में रखी गई है।इन सभी खंडों में कार्यकारिणी का पुनर्गठन भी किया जाएगा और अलग-अलग विभाग के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन से जोड़ने के लिए जिम्मेदारियां भी सौंपी जाएगी।जिला प्रधान ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारी एकजुट होकर अपनी एक मांग पुरानी पेंशन को मनवाने के लिए रणनीति इन बैठकों में बनाएंगे और दिसंबर माह में तपोवन रैली को सफल किया जाएगा। जिला प्रधान ने कहा कि कर्मचारियों की लड़ाई किसी सरकार से नही अपितु नई पेंशन योजना से है, क्योंकि एनपीएस किसी भी कीमत पर कर्मचारियों को मंजूर नही है क्योंकि इसमें कर्मचारी को उसी के पैसे का व्याज देकर उसे पेंशन का नाम दे दिया गया है।