गोपाल दत्त शर्मा ( राजगढ )
22 सितम्बर । अतंर्राष्ट्रीय शांति दिवस पर दुनिया भर के लोगों में परस्पर प्रेम की भावना और मानवता को संजोए रखने के लिए इटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब द्वारा स्थायी शांति स्थापित करने के तरीकों पर वेबिनार का आयोजन किया गया केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्य अतिथि के रूप में वेबिनार में हिस्सा लिया वेबिनार में अंतर्राष्ट्रीय वक्ता लेस्ली उडविन,थिंक इक्वल यु के, मेहरबानी कौर , प्रेरक वक्ता, कनाडा मौजूद रहे इस बेविनार मे लगभग 4757 लोगो ने वेबिनार में भाग लिया। विश्व शांति स्थापित करने हेतु डॉ देवेन्द्र सिह उप कुलपति इटरनल विश्वविद्यालय ने सिख धर्म के संस्थापक एवं प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी के प्रेम , करुणा, समता तथा भाईचारे के संदेशो को याद करने की अपील की उन्होंने बताया एक शांत एवं खुशहाल ज़िन्दगी का मूल मंत्र गुरुनानक देव जी की शिक्षाओं में ही छुपा है।
गुरुनानक जी के शिक्षाए शांति स्थापित करने का बहुत ही सरल माध्यम है उन्होंने बताया मनुष्य को सदैव प्रसन्न रहना चाहिए। ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा मांगनी चाहिए। सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करनी चाहिए मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से ज़रूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए। सभी को स्रीऔर पुरुष को बराबर मानना चाहिए । ईमानदारी से और मेहनत कर के उदरपूर्ति करनी चाहिए। विश्व शांति के तरीको को साँझा करते हुए लेस्ली उडविन, थिंक इक्वल यु के ने बताया आज के युग में हमें शांति स्थापित करने के लिए महात्मा गाँधी के आदर्शों और शिक्षाओं को अपनाने की बेहद जरुरत है उन्होंने बताया महात्मा गाँधी एक ऐसी व्यक्तित्व थे जिनके विचारों ने पूरी दुनिया को शांति सदभाव और अहिंसा का पाठ पढ़ाया गांधी जी के लिये अहिंसा सबसे बड़ा शस्त्र था।
गांधी जी के अनुसार-अहिंसा ही वह मुख्य तत्व है जिसने सम्पूर्ण मानवता को प्रेम और आत्मशुद्धि की सहायता से कठिन से कठिन संकटों में सफलता पाने का संदेश दिया है। जिस प्रकार आज के दौर में आतंकवाद व हिंसा विश्व स्तर पर अपने चरम पर दिखाई दे रही है इसी कारणवश आज चारों ओर गांधी के आदर्शों की प्रासंगिकता की चर्चा छिड़ी हुई है। शांत मन सुखमय जीवन की कुंजी है मेहरबानी कौर , प्रेरक वक्ता, कनाडा ने वेबिनार में बताया सहज और शांत मन के जरिए ही हम जीवन को जी सकते हैं जब हमारा मन शांत होता है तो हम चीजों को सही रूप में देख पाते हैं। मन अशांत हो तो मिलने वाली सफलताओं में भी पूरी खुशी नहीं मिलती।मन की शांति के लिए उन्होंने कई चीज़ो को अपनाने की अपील की इसमें सबसे पहला सकारात्मक सोच।
उन्होंने बताया अगर आप हर बात को सकारात्मक सोच के साथ देखते हैं तो जीवन की आधी समस्याएं दूर हो जाती हैं और मन को असीम शांति मिलती है। दूसरा है ईर्ष्या और द्वेष। अगर आप दूसरों से जलन रखना, ईर्ष्या रखना छोड़ दें तो भी आप सुकून महसूस करेंगे। शांति के लिए जरूरी है इच्छाओं पर नियंत्रण इसके साथ ही ईश्वर ने जो भी दिया है, उसका धन्यवाद दें और उसमें संतुष्ट रहने का प्रयास करें। कलगीधर ट्रस्ट के संस्थापक एवं महान संत बाबा इक़बाल सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि आध्यात्मिक शिक्षा समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करती है यह बुराइयां ही समाज में अशांति की जननी होती है अंत शिक्षा के द्वारा ही उन कारणों ( जो समाज में अशांति फैलाते है ) का निस्तारण किया जा सकता है।