आवाज़-ए-हिमाचल
26 नवम्बर : हिमाचल प्रदेश के शिमला और मनाली पर्यटनों स्थलों में ताजा हिमपात हुआ है। शिमला की जाखू चोटी के अलावा कुफरी, नारकंडा, खड़ा पत्थर और देहा में बर्फबारी के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। राजधानी शिमला को रामपुर रिकांगपिओ से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे-5 बर्फबारी के बाद नारकंडा के पास बंद हो गया है। मंडी जिले की सराज घाटी बर्फ से लकदक हो गई है।
जिला कुल्लू और लाहौल-स्पीति में पिछले चार दिनों से बर्फबारी व बारिश लगातार जारी है। पहाड़ों के साथ अब निचले ग्रामीण इलाके भी बर्फ से लकदक हो गए हैं। पर्यटन नगरी मनाली में 10 सेंटीमीटर, सोलंगनाला 45 सेंटीमीटर, साउथ पोर्टल 120 सेंटीमीटर, अटल टनल नॉर्थ पोर्टल 70 सेंटीमीटर, कोकसर में 60 सेंटीमीटर, रोहतांग दर्रा में 150 सेंटीमीटर, जलोड़ी दर्रा में 45 सेंटीमीटर, बिजली महादेव में 10 सेंटीमीटर तक ताजा हिमपात हुआ है।
ऊंचाई वाले रिहायशी इलाकों में भारी बर्फबारी के बाद जनजीवन ठहर गया है। बारिश व बर्फबारी के बाद दो नेशनल हाइवे समेत करीब चार दर्जन सड़क मार्गों पर वाहनों के पहिये थम गए हैं। ऐसे में लोगों को कड़ाके की ठंड में पैदल ही अपने गंतव्य की ओर सफर करना पड़ रहा है। औट-आनी-सैंज हाईवे-305 का करीब 20 किलोमीटर मार्ग बर्फ से लकदक हो गया है।
इसके साथ ही बर्फबारी से जिला कुल्लू के साथ लाहौल घाटी में बिजली समेत कई पेयजल स्कीमें प्रभावित हो गई हैं। शीतलहर के बीच पेयजल आपूर्ति ठप होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं बर्फबारी से सेब के पौधों में प्रूनिंग न होने के चलते भी पौधों को नुकसान पहुंचा है। सेब की टहनियां बर्फ के वजन से टूट गई हैं। घाटी में ताजा बर्फबारी के बाद शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। लोग अपने घरों में ही दुबक गए हैं।