आवाज़-ए-हिमाचल
25 नवम्बर : देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों का असर सबसे अधिक असर पर्यटन व्यवसाय पर पड़ा है। हिमाचल की अगर बात करें तो चार जिलों में नाइट कर्फ्यू लागू हो चूका है| पर्यटन नगरी धर्मशाला, शिमला, कुल्लू मानली सहित पर्यटन निगम और निजी होटलों में एडवांस बुकिंग धड़ाधड़ रद्द होने लगी हैं। प्रदेश जिले के होटलों में अब आक्यूपेंसी 5 फीसदी तक पहुंच चुकी है। कोरोना मामलों के लगतार बढ़ने से और कुछ जिलों में कर्फ्यू जारी रहने से आक्यूपेंसी के शून्य होने के आसार हैं जिससे सबसे अधिक चिंता होटल कारोबारियों को हो रही है| इस सबंध में एक बैठक भी की गई|
बैठक के बाद जानकारी देते हुए स्टेट कन्वीनर फोरा ( Federation of Hotel and Restaurants Association) हिमाचल प्रदेश संजीव गांधी और होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन स्मार्ट सिटी धर्मशाला “अध्यक्ष पीसी नेहरिया ने बताया कि ट्रेवल पार्टनर्स के बीच पर्यटन व्यवसाय को लेकर एक विश्वास पैदा हुआ था वह खत्म हो गया है। जिस कारण अब जिन पर्यटकों ने होटल्स की बुकिंग थी वह भी बुकिंग्स कैंसिल कर रहे है । उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते होटल ऑक्यूपेंसी के शून्य होने के आसार है ।
गांधी और नेहरिया ने कहा कि पूरे प्रदेश की 7 प्रतिशत जीडीपी पर्यटन व्यवसाय से आती है बावजूद उसके सरकार इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों को कोई भी राहत नही दे पाई है। उन्होंने कहा कि जब से कोरोना की वजह से लोकडॉन लगा है तब से लेकर होटल व्यवसायी, फोरा सरकार से मदद की गुहार लगा रही है लेकिन कोई भी मदद सरकार की तरफ से नही मिल पाई है। होटलो के बिजली के बिल माफ् करने, हाउस टैक्स में राहत देने और होटल लाइसेंस को रिन्यू करने के लिये सरकार ने कोई भी कदम नही उठाया जिसका खामयाजा आज भी होटल व्यवसायी झेल रहे है ।
इन सभी मुद्दों को लेकर सरकार से कई बार बात की गई लेकिन सिर्फ आश्वासनों के अलावा कुछ हाथ नही लगा । उभोने कहा फिर से अचानक कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से पर्यटन कारोबार शून्य हो गया है ऐसे फिर से उबारने के लिए सरकार ही कुछ कर सकती है क्योंकी सरकार पर ही सभी का भरोसा है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रदेश सरकार उनकी लंबे समय से लंबित पड़ी मांगो को जरूर पूरा करेगी और सरकार को यह करना भी चाहिए।