मनरेगा बन रही है ग्रामीण रोजगार का प्रमुख आधार, कोरोना काल में बनी संजीवनी

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आवाज़ ए हिमाचल

जतिन लटावा,जोगिंद्रनगर

25 अगस्त।महात्मा गांधी रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार का एक अहम जरिया साबित हो रही है। इस योजना के माध्यम से न केवल ग्रामीण विकास को ही बल मिल रहा है बल्कि ग्रामीण लोगों के लिए यह रोजगार प्रदान करने में एक अहम कड़ी भी सिद्ध हो रही है। जहां तक वैश्विक महामारी कोविड 19 की बात करें तो मनरेगा इस मुसीबत भरे दौर में ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार का एक अहम कदम भी साबित हुई है।
मंडी जिला के चौंतड़ा विकास खंड की बात करें तो मनरेगा के तहत गत साढ़े तीन वर्षों के दौरान लगभग 36 करोड़ रूपये व्यय किए जा चुके हैं। इस अवधि के दौरान कुल 3854 कार्यों को विभिन्न पंचायत स्तर पर शुरू किया गया जिनमें से 2502 कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है। जहां तक मानव कार्य दिवस अर्जित करने की बात है तो गत साढ़े तीन वर्षों के दौरान पूरे चौंतड़ा ब्लॉक में अब तक कुल 12 लाख 96 हजार 668 मानव कार्य दिवस अर्जित किये गए हैं। इसी से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्र के विकास के साथ-साथ रोजगार का भी एक अहम जरिया साबित हो रही है।
कोरोना काल में अर्जित हुए हैं लगभग साढ़े 6 लाख मानव दिवस, 19 करोड़ की धनराशि हुई है खर्च
वैश्विक महामारी कोविड 19 की ही बात करें तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में चौंतड़ा विकास खंड में जहां कुल 4 लाख 29 हजार मानव कार्य दिवस अर्जित किये गए हैं तो वहीं लगभग 11 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय हुई है। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान अब तक जहां दो लाख 10 हजार 657 मानव कार्य दिवस अर्जित कर लिये गए हैं तो वहीं लगभग साढ़े आठ करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि व्यय की जा चुकी है। ऐसे में कोरोना अवधि के दौरान ही जहां लगभग साढ़े 6 लाख मानव कार्य दिवस अर्जित किये गए हैं तो वहीं लगभग 19 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय हुई है।


इसी कोरोना अवधि के दौरान कुल 18 हजार 724 परिवारों को रोजगार मुहैया करवाया गया जिनमें वर्ष 2020-21 में 9891 जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 8833 परिवार शामिल हैं। इसी अवधि के दौरान कुल 627 लोगों ने सौ दिन का रोजगार पूरा किया है जिनमें वर्ष 2020-21 के दौरान 626 जबकि चालू वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति शामिल है। इसी कोरोना अवधि के बीच 24 दिव्यांगजनों को भी मनरेगा में रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।
मनरेगा के तहत लोक निर्माण विभाग के माध्यम से भी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कुल 228 मनरेगा शेल्फ डाले गए हैं जिनमें से 124 को स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इसके अतिरिक्त 77 नये कार्यों को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। इस तरह वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के माध्यम से ही मनरेगा के तहत 252 कार्य प्रगति पर हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) चौंतड़ा विवेक चौहान का कहना है कि कोरोना काल में लोगों की आजीविका सुनिश्चित बनाने के दृष्टिगत जिन परिवारों ने रोजगार की मांग की है उन्हे रोजगार प्रदान किया गया है। साथ ही इस अवधि के दौरान भूमि सुधार के कार्यों को भी बड़े पैमाने पर शुरू किया गया ताकि लोगों की आजीविका ग्रामीण स्तर पर ही सुनिश्चित हो सके। उन्होने बताया कि निर्माण सामग्री के लिए भारत सरकार ने 3.62 करोड़ रूपये की धनराशि भी जारी कर दी है जिससे अब पंचायतों में मनरेगा के तहत पक्के कार्य भी किये जा सकेंगे।

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