आवाज ए हिमाचल
24 अगस्त। कुठेड़ – ज्वाली विधानसभाई क्षेत्र के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुठेड़ में अव्यवस्थाओं को लेकर क्षेत्रवासी मुखर होने लगे हैं । लोगों का आरोप है कि इस अस्पताल को सीएचसी का दर्जा दो दे दिया गया है परंतु पर्याप्त सुविधाएं न होने के कारण लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं लेने के लिए दूरदराज तथा निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है । ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ की कमी के चलते केवल दिन में ही लोगों को इलाज की सुविधा मिल पाती है। आवाज ए हिमाचल से बात करते हुए क्षेत्र के पंचायत समिति सदस्य सुरेंद्र कुमार का कहना है कि अपर्याप्त सुविधाओं के चलते न केवल लोग समय पर इलाज से वंचित हो रहे हैं,
अपितु उन्हें दूर के अस्पतालों व निजि अस्पतालों में महंगे ईलाज के लिए भी विवश होना पड़ रहा है। सुरेंद्र ने कहा कि 8-10 पंचायतों के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए इस अस्पताल पर निर्भर हैं परंतु यह अस्पताल स्वयं ही बीमार दिखता है तो ऐसे में यह लोगों को क्या सुविधाएं दे पाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाले गम्भीर रोगी व गर्भवती महिलाओं को दूर के अस्पतालों में भेज दिया जाता है यही वजह है कि कई बार महिलाओं की रास्ते मे ही मृत्यु भी हो गई है।
बीडीसी सदस्य सुरेंद्र कुमार ने अस्पताल की दुर्दशा पर सरकारी अनदेखी व विभागीय लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि सरकार ने जल्दी यहां पर्याप्त स्टाफ व अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाईं तो ग्रामीणों को संघर्ष का मार्ग अपनाना पड़ेगा। सुरेंद्र कुमार के साथ बार्ड पंच अंजू, जगदीश कनोजिया, हैप्पी, सुनील, मदन धीमान, अजय लहरी आदि ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा स्वास्थ्य मंत्री राजीव सहजल से आग्रह किया है कि सीएचसी कुठेड़ में अतिशीघ्र तमाम सुविधाएं मुहैय्या करवाई जाए ताकि क्षेत्र के लोगों के लिए यह अस्पताल सफेद हाथी साबित न हो व उन्हें घर के नजदीक स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
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