आवाज़ ए हिमाचल
20 नवंबर।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय विश्वविद्यालय को लेकर भाजपा के वाकयुद्ध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि असल में भाजपा शुरू से ही इस विश्वविद्यालय पर अपनी राजनीति करती आई है और यही कारण है कि आज भी इनकी खींचतान में यह राजनीति का अखाड़ा बन कर रह गया है।
वीरभद्र सिंह ने कहा है कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2007 में इस विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया था,परंतु केंद्र में सरकार के बदलते ही इसे एनडीए सरकार द्वारा लंबित कर दिया था और यह सब उनके सासंदो के आपसी मतभेद का ही नतीजा था,जिस पर आज दिन तक भी कार्य शुरू नही हो सका है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि जब वह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे उस समय केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण की औपचारिकताएं पूरी दी गई थी।इसका मुख्यभाग धर्मशाला में प्रस्तावित था।उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं इसके निर्माण स्थल का भी दौरा कर उपयुक्त स्थलों का चयन तक किया था।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि अब जबकि केंद्र में भी भाजपा की सरकार है और प्रदेश में भी तो अब इसका निर्माण क्यों लटका है।डबल इंजन का दावा करने वाली भाजपा सरकार की पूरी पोल खुल चुकी है।यह दोनों सरकारें अलग अलग रास्तों पर चली है,दोनों में तालमेल की भारी कमी नज़र आती है।उन्होंने कहा है कि कोई रोटी को तोती बोले या कुछ और पर उन्हें प्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए न की रोड़े अटकाने की कोई कोशिश करनी चाहिए।