आवाज़ ए हिमाचल
09 जुलाई।छह बार मुख्यमंत्री रह कर प्रदेश की जनता की सेवा कर चुके वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के लिए शुक्रवार को शिमला से लेकर रामपुर तक जनसैलाब उमड़ पड़ा।
अपने घर रामपुर बुशहर की अंतिम यात्रा से पूर्व राजधानी शिमला में उनके अंतिम दर्शन करने हजारों लोग पहुंच। पूर्व मुख्यमंत्री के निवास स्थान होली लॉज से शुक्रवार सुबह 8:45 बजे उन्हें तिरंगे में लिपटाकर पूरे राजकीय सम्मान के साथ पुलिस जवानों ने सलामी (गार्ड ऑफ आनर) देकर शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर अंतिम दर्शन के लिए विदा किया।
शनिवार को पहले पदम पैलेस रामपुर में वीरभद्र सिंह का शव अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद अंतिम संस्कार उनके पैतृक स्थान रामपुर में सतलुज किनारे किया जाएगा। लाहौल-स्पीति में चंद्रभागा के संगम स्थल तांदी में हिंदू और बौद्धिक मंत्रोच्चारण के बीच उनकी अस्थियां विसर्जित की जाएंगी।हॉलीलॉज से रिज तक वीरभद्र सिंह के पुत्र विधायक विक्रमादित्य सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और पार्टी विधायकों सहित सैकड़ों की तादाद में जुटे समर्थक नम आंखों के साथ अपने नेता की इस यात्रा में शामिल हुए। फूलों से सजी गाड़ी में निकली इस यात्रा में राजा साहब अमर रहे के नारे लगाते हुए रिज मैदान तक पहुंचाया गया।
उनके अंतिम दर्शन करने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रिज पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद जब पार्थिव देह को कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन ले जाया गया। इस दौरान पूरा शहर थम सा गया। हर तरफ जाम ही जाम था। यहां दोपहर 1:17 बजे पहुंचे कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह से बात कर इस दुख को साझा किया। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, सह प्रभारी संजय दत्त, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, छत्तीसगढ़ सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंह देव सहित प्रदेश कांग्रेस के सभी विधायकों, पूर्व विधायकों, पार्टी के जिला और ब्लॉक अध्यक्षों ने अपने नेता के पार्थिव शरीर को श्रद्धा सुमन भेंट किए।
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए अपना एक चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नामित किया है। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, एआईसीसी के कोषाध्यक्ष पवन बंसल, एआईसीसी के सदस्य आनंद शर्मा और प्रदेश मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला शामिल हैं। कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव संजय दत्त, प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, मुकेश अग्निहोत्री, भी अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।
राजा साहब अमर रहे के नारों के बीच फूलों से सजी गाड़ी रिज मैदान पर पहुंची। हॉलीलॉज की ओर जाने वाली सड़क वीरभद्र के चाहने वालों से भरी थी। रिज मैदान पर अंतिम दर्शन करने के लिए पार्थिव देह 9 बजकर 20 मिनट पर पहुंची। इस दौरान राजा साहेब अमर रहे, देखो-देखो कौन आया.. शेर आया, शेर आया, राजा नहीं फकीर था.. हिमाचल की तकदीर था.. के नारों से शहर गूंजने लगा।
जब वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह को उनके गृहक्षेत्र रामपुर लाया जा रहा था तो शिमला से लेकर रामपुर तक हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए। वीरभद्र सिंह की मौत के बाद समूचे शिमला जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। देश भर में अपने नेतृत्व की मिसाल रहे राजा वीरभद्र सिंह के अंतिम दर्शन को ठियोग, मतियाना, नारकंडा, कुमारसैन, सैंज, बिथल, नीरथ, भद्राश, दत्तनगर, नोगली और रामपुर में हजारों लोग उनके दर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए।
अपनी बेमिसाल छवि के चलते राजा वीरभद्र सिंह समूचे जिले की जनता के दिल पर राज करते थे, लेकिन उनके संसार त्यागने से कांग्रेस पार्टी और समूचे संगठन को भारी क्षति पहुंची है। शुक्रवार को हजारों लोगों ने उनके पुत्र टीका विक्रमादित्य सिंह को ढांढस बंधाया। इस दौरान नम आंखों से बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सभी को हाथ जोड़ते नजर आए। शुक्रवार शाम करीब 7:30 बजे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह रामपुर पहुंची।सैकड़ों वाहनों का काफिला उनके साथ राज दरबार परिसर पहुंचा। यहां पदम महल परिसर स्थित हाल में उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। शनिवार सुबह करीब 11 बजे राजतिलक की परंपरा का निर्वहन होगा जबकि इसके समाप्त होते ही वीरभद्र सिंह की शवयात्रा रामपुर बाजार होते हुए जोबनी बाग स्थित श्मशानघाट पहुंचेगी।इससे पहले दोपहर बाद तीन बजे जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह ठियोग पहुंची तो राजा साहब अमर रहे के नारों से गूंज पहाड़ी राज्य के लोकप्रिय नेता वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह ठियोग के उसी लोक निर्माण विश्राम गृह के समक्ष थी, जहां वह कभी घंटों बैठा करते थे। सभी लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि देते रहे।
शनिवार दोपहर बाद रामपुर के जोबनी बाग में शाही सम्मान के साथ दाह संस्कार किया जाएगा। इस श्मशान घाट में राज परिवार से संबंध रखने वाले राजा और रानियों के लिए विशेष स्थान है। यहां वर्षों पहले मृत्यु प्राप्त कर चुके राजा और रानियों के शिलालेख और चित्र आज भी मौजूद हैं। शनिवार दोपहर तीन बजे मोक्षधाम जोबनी बाग में वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह को उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह उन्हें मुखाग्रि देंगे। इससे पूर्व राज दरबार परिसर से मुख्य बाजार होते हुए शवयात्रा निकाली जाएगी।चार ठहरियों से पहुंचे बाजेदार शवयात्रा के दौरान पौराणिक परंपराओं का निर्वहन करेंगे। परंपरा है कि राजा के मरणोपरांत उल्टे बाजे की धुन पर उन्हें श्मशानघाट तक पहुंचाया जाता है। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहेंगे। श्मशानघाट में राज परिवार के लिए विशेष स्थान है। मृत्यु को प्राप्त हुए बुशहर रियासत के राजाओं और रानियों के यहां स्मृति चिह्न आज भी मौजूद हैं। शिलालेख में उनके चित्र और मृत्यु की तिथि अंकित है। शुक्रवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं और मजदूरों ने श्मशानघाट की सफाई की। दशकों तक प्रदेश के लाखों लोगों के दिलों पर राज करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को मोक्ष धाम से अंतिम विदाई दी जाएगी।