आवाज़ ए हिमाचल
16 नवंबर।भगवान रघुनाथ मंदिर सुल्तानपुर में जगती के दौरान देवी-देवताओं के प्रतिनिधि नाराज दिखे। छोटी जगती में जिले भर से 200 देवी-देवताओं के निशान और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। गूर के माध्यम से राजपरिवार की कुल देवी माता हिडिंबा, त्रिपुरा सुंदरी, माता शरवरी, बिजली महादेव देवताओं से पूछ डाली गई। देवताओं ने गूर के माध्यम से अपनी बात रखी।
अधिकतर देवताओं ने दशहरे में देवताओं को न बुलाने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की।
भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने याचक बनकर सभी देवताओं के गूरों के पास पूछ डाली। देवताओं ने कहा कि दशहरे में देवताओं को रोका गया। जबकि यह देवी-देवताओं का महाकुंभ है। देवनीति में राजनीति की जा रही है।अब ढालपुर में काहिका (छिद्रा) होगा। जिसमें देवताओं के निशान भी आएंगे। इसके साथ यज्ञ भी होगा। यज्ञ कहां करना है। इसका स्थान जल्द ही बैठक कर तय कर लिया जाएगा।
महेश्वर सिंह ने कहा कि देवताओं ने पहले जो कहा था। वो सच साबित हुआ है। दशहरे में देवताओं के आने के लिए बाड़ लगाया गया। रास्ते बंद किए गए। देवताओं ने कहा कि अब ढालपुर में काहिका करना होगा। देवनीति में राजनीति करने वालों को नहीं बख्शा जाएगा। जगती के दौरान भगवान रघुनाथ मंदिर ढोल नगाड़ों की आवाज से गूंज उठा। मंदिर में दिन भर श्रद्घालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। देवताओं के आने का सिलसिला करीब 12 बजे तक जारी रहा।
देव नीति में राजनीति नहीं होगी बर्दाश्त, देव नियमों को कायदे में रखना होगा।छोटी जगती में देवताओं ने प्रतिनिधियों के माध्यम से नाराजगी जाहिर की। राज परिवार की कुल देवी माता शरवरी के गूर ने कहा कि आज सरकार बड़ी हो गई है। देवी-देवता छोटे हो गए हैं। यह देवी-देवताओं का महाकुंभ था। माता हिडिंबा के गूर ने देव नीति में राजनीति करने को लेकर नाराजगी प्रकट की। देवता बिजली महादेव ने भी गूर के माध्यम से बताया कि देव नियमों को कायम में रखना होगा।देवता नरसिंह ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की।
वहीं लगघाटी की माता भागासिद्ध के गूर ने बताया कि गलतियां इंसान करते हैं, लेकिन दोषी देवी-देवताओं को ठहराते हैं। इसके साथ ही कई अन्य देवताओं के प्रतिनिधियों ने भी कड़े शब्दों में कहा कि देवता सत्ता परिवर्तन का मादा रखते हैं। इसलिए देव नीति में राजनीति न लाई जाए।