आवाज़ ए हिमाचल
ब्यूरो,शिमला
16 नवंबर।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ऊना में पीजीआई के सेटेलाइट केंद्र को स्थापित करने के लिए 450 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 550 करोड़ रुपये की लागत से इंडियन ऑयल के डिपो का निर्माण भी जल्द किया जाएगा। शिमला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के मुश्किल समय में जिला ऊना ने अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों में फंसे लगभग 2.50 लाख हिमाचल वासियों को प्रदेश में वापस लाया गया, जिनमें से अधिकांश को रेल गाड़ियों से ऊना तक पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि विवाह और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में कार्यरत कैटरिंग स्टाफ के लिए कोविड परीक्षण अनिवार्य होगा। कोरोना महामारी खत्म नहीं हुई है, हम सबको सावधान रहने की आवश्यकता है।हालांकि प्रदेश में कोविड के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन अभी भी स्थिति नियंत्रण में है।
उन्होंने लोगों से परस्पर दूरी बनाए रखने व घर से बाहर निकलते समय फेस मास्क का उपयोग करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विवाह व अन्य सामाजिक आयोजनों के दौरान लोगों की अधिकतम संख्या 100 निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के पास लगभग 12 हजार करोड़ रुपये अव्ययित धन के रूप में हैं, जिन्हें चिन्हित कर विकासात्मक कार्यों में उपयोग करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को बिहार में एनडीए की शानदार जीत के लिए बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन में हिमाचल प्रदेश को देश का पहला राज्य आंका गया है। वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान जल जीवन मिशन के तहत 360 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
वर्तमान राज्य सरकार 27 दिसंबर को अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे करने जा रही है। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए इस उपलक्ष्य पर शिमला में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान राज्य के अधिकतम लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा।