आवाज ए हिमाचल
19 जून। 12वीं कक्षा का परिणाम तैयार करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार सीबीएसई के फार्मूले में बदलाव करेगी। 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर ही परिणाम तैयार नहीं किया जाएगा। अप्रैल में हुई 12वीं कक्षा की एक विषय की परीक्षा के अंक भी इसमें शामिल किए जाएंगे। प्री बोर्ड परीक्षाओं और फर्स्ट-सेकेंड टर्म के नंबर भी जोड़ने की तैयारी है। सरकार ने राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड से अंक निर्धारण को लेकर प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। मंत्रिमंडल की मंजूरी लेने को छात्रहित में शिक्षा विभाग नया फार्मूला बनाएगा।
सीबीएसई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट बारहवीं कक्षा के अंक तय करने को बनाए फार्मूले की जानकारी दी है। इस फार्मूले से प्रदेश का शिक्षा विभाग पूरी तरह से सहमत नहीं है। 11वीं कक्षा के तीस फीसदी अंकों को 12वीं कक्षा के परिणाम में शामिल करने को लेकर शिक्षकों और अभिभावकों को आपत्ति है। शिक्षकों का तर्क है कि बारहवीं कक्षा में विद्यार्थी अधिक मेहनत करे, इसके लिए ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षाओं में विद्यार्थियों की पेपर चैकिंग में बहुत अधिक सख्ती बरती जाती है।
ऐसे में 11वीं में कई विद्यार्थियों के अंक कम हो सकते हैं। इसके अलावा प्रदेश में प्री बोर्ड की परीक्षाएं भी करवाई गई हैं। सीबीएसई ने प्री बोर्ड परीक्षाएं नहीं ली हैं। ऐसे में इस परीक्षा के अंक भी वार्षिक परिणाम में शामिल करना आवश्यक है। हिमाचल में फर्स्ट और सेकेंड टर्म की परीक्षाएं भी हुई हैं। अप्रैल में 12वीं कक्षा का एक पेपर भी हो चुका है। ऐसे में सीबीएसई के फार्मूले पर विचार करते समय प्रदेश की परिस्थितियों को भी ध्यान में रखा जाएगा। आने वाले दिनों में स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से दिए जाने वाले प्रस्ताव में इन सब बिंदुओं को शामिल किया जाएगा।