आवाज ए हिमाचल
18 जून। हिमाचल प्रदेश के सात प्रशासनिक अधिकारी आईएएस और दो आईपीएस बन गए हैं। इससे हिमाचल में आईएएस व आईपीएस के कैडर की संख्या बढ़ गई है। इसके लिए दिल्ली में आयोजित डीपीसी पर यूपीएससी ने मोहर लगा दी है। अब केंद्रीय कार्मिक विभाग इसकी फाइनल नोटिफिकेशन जारी करेगा। प्रदेश के मुख्य सचिव अनिल खाची की मौजूदगी में आयोजित इस डीपीसी में सात एचएएस अधिकारियों की आईएएस में इंडक्शन हुई है। इनमें वर्ष 2000 बैच के अश्वनी राज शाह और वर्ष 2001 बैच की कुमुद सिंह, विनय सिंह, हरबंस ब्रासकॉन नेगी और रीमा कश्यप शामिल हैं। इसके अलावा वर्ष 2002 बैच के शुभकर्ण सिंह तथा सुमित खिमटा की आईएएस में इंडक्शन हुई है। इन अफसरों को अब आईएएस में वर्ष 2015 का बैच मिलेगा। आईएएस और आईपीएस की इंडक्शन के लिए स्टेट सर्विसेज की सेवाओं की केलकुलेशन का फार्मूला तय है। इसके चलते पहले 12 साल की सेवाओं के लिए तीन साल की वरिष्ठता इंडक्शन में दी जाती है।
इसी तरह 12 साल के बाद हर तीन साल की सेवाओं के बदले इंडक्शन में एक साल की वरिष्ठता मिलती है। इस केलकुलेशन के आधार पर इन सातों अफसरों का सिलेक्शन ईयर वर्ष 2020 का है। इसके चलते पहले 12 साल के सेवाकाल के लिए तीन वर्ष की आईएएस में वरिष्ठता मिलेगी। इन सभी अफसरों का 12 साल के बाद सेवाकाल छह से आठ साल का है। इस फार्मूले से इन्हें इसके बदले सिर्फ दो साल की सीनियोरिटी दी जाएगी। लिहाजा अब इन सभी का बैच आईएएस में एक बराबर 2015 का होगा। इसी तरह वर्ष 2000 बैच के एचपीएस पदमचंद और भगत सिंह को भी अब आईपीएस में 2015 का ही बैच मिलेगा।