आवाज ए हिमाचल
07 जून। आईजीएमसी शिमला से दाखिल ब्लैक फंगस के मरीजों की जान बचाने के लिए चिकित्सकों को अब तक तीन मरीजों की एक-एक आंख निकालनी पड़ी है। चिकित्सकों का कहना है कि अगर हम ऐसा नहीं करते तो मरीजों की हालत और गंभीर हो सकती थी। इसके अलावा अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित एक मरीज की गंभीर हालत होने के चलते उसे वेंटिलेटर पर दाखिल किया गया है।
यह मरीज लगातार चिकित्सकों की निगरानी में उपचाराधीन है। आईजीएमसी में मौजूदा समय में ब्लैक फंगस से पीड़ित 10 मरीज भर्ती हैं। इनमें हमीरपुर के रहने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। आईजीएमसी के ईएनटी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नाक में दिक्कत, नाक बंद होना, दाग धब्बा और तालू में समस्या हो, तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। जरा सी लापरवाही करने से यह बीमारी जानलेवा बन सकती है।