आवाज़ ए हिमाचल
06 जून । कोरोना महामारी के काल में स्कूली विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई के चलते जिन क्षेत्रों में इंटरनेट और नेटवर्क की अच्छी सुविधा नहीं है वहां बच्चों को तीन घंटे की चढ़ाई करके पहाड़ी पर सिग्नल में जाकर कक्षाएं लगानी पड़ रही हैं। विद्यार्थियों को जान जोखिम में डालकर घर से दूर जाकर नेटवर्क की तलाश करनी पड़ रही है। कुछ जगह तो बच्चे खतरनाक जगह पर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू की सैंज घाटी में भी यही हाल है। घाटी की पंचायत गाड़ापारली और शांघड़ के दर्जनों गांवों में बीएसएनएल का नेटवर्क न होने से ग्रामीण व उनके बच्चे परेशान हैं। पंचायत के सदस्यों ने कहा कि घाटी में नेटवर्क की समस्या बढ़ती ही जा रही है। बच्चों को ऑनलाइन कक्षाएं लगाने के लिए दो-तीन घंटे पैदल चलकर पहाड़ी पर चढ़कर नेटवर्क तलाशना पड़ रहा है। दूरसंचार कंपनियों का सिग्नल नहीं होने से विद्यार्थियों और अभिभावकों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ग्राम पंचायत गाड़ापारली और शांघड़ में राजकीय माध्यमिक और प्राथमिक पाठशाला लपाह, राजकीय माध्यमिक और प्राथमिक पाठशाला शाक्टी, राजकीय उच्च और प्राथमिक पाठशाला मझाण, राजकीय प्राथमिक पाठशाला मैल, बदेहठा तथा बागीशाड़ी आदि शामिल हैं। इनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की नेटवर्क समस्या के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बीएसएनएल के अधिशासी अभियंता राजकुमार के अनुसार निगम के कर्मचारियों से क्षेत्र की रिपोर्ट ली जाएगी। समस्या का जल्द समाधान कर उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास किया जायेगा ।