आवाज ए हिमाचल
03 जून। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के तहत पढ़ाई कर रहे 12वीं के छात्रों को सीबीएसई की तर्ज पर प्रोमोट किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में यह ऐलान किया। सीएम ने कहा कि भले ही कोविड के मामले राज्य में कम हो गए हों, लेकिन हम परीक्षाएं करवाने की स्थिति में अब भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सीबीएसई को लेकर जो निर्णय लिया है, उसी तर्ज पर हिमाचल में कार्य होगा। पांच जून को कैबिनेट की बैठक में परीक्षाओं को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा। हालांकि इस दौरान सीएम ने यह भी संकेत दिए कि अगर शिक्षा विभाग के अधिकारी उससे पहले प्रोपोजल सौंप देते हैं, तो लाखों छात्रों के हक में पहले भी परीक्षाओं को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि जमा दो के छात्रों को प्रोमोट करने के फैसले का 50 फीसदी अभिभावक अभी विरोध कर रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि अगर छात्रों की मेरिट बनाई जाती है, पिछली कक्षा के आकलन से अगर कम नंबर छात्रों के बनते हैं, तो इससे उन्हें आगामी नीट, जेई, व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने में दिक्कत हो सकती है।
वहीं जमा दो के बाद बाहरी संस्थानों में मेरिट न बनने से उन्हें मनपंसद शिक्षा से भी वंचित रहना पड़ सकता है। फिलहाल अभिभावकों की यह चिंता जायज भी है। दूसरी और जून माह चल पड़ा है, छात्रों के रिजल्ट इतनी जल्दी कैसे बोर्ड घोषित करेगा, यह भी अहम रहेगा। खास बात यह है कि सरकार बोर्ड परीक्षाओं पर अंतिम फैसला लेने से पहले चार जून को ई पीटीएम के माध्यम से अभिभावकों के सुझाव भी लेगा। सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार भी जमा दो की परीक्षा को रद्द कर सकती है।
स्वास्थ्य विभाग ने भी सरकार के समक्ष जो पक्ष रखा है, उसमें कहा गया है कि अगर स्कूल खोल दिए जाते हैं या एक साथ सैकड़ों विद्यार्थियों की परीक्षा करवाई जाती है, तो इससे बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। गौरतलब है कि हिमाचल में एचपी बोर्ड के तहत जमा दो में 100982 विद्यार्थी हैं, जिनकी परीक्षा पर फैसला होना है। एचपी बोर्ड की ओर से परीक्षाओं के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। प्रश्न पत्र केंद्रो तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में अब उम्मीद है कि इसी हफ्ते बोर्ड की परीक्षा पर फैसला हो जाएगा।