आवाज ए हिमाचल
29 मई। हिमाचल प्रदेश में चाय बागानों की जमीन बेचने के मामले से जुड़े लोगों की सूची तैयार कर सरकार शीघ्र जांच करवाएगी। प्रदेश में लैंड सीलिंग एक्ट में चाय बागानों को सरकार ने जमीन उपलब्ध कराई थी। इसका भू उपयोग नहीं बदला जा सकता था। पूर्व कांग्रेस सरकार के सत्ता में रहते चाय बागानों की जमीनें बेचने के लिए संशोधन किए गए और चाय बागानों की काफी जमीन निजी हाथों में बेच दी गई, जबकि एक्ट में चाय बागानों की जमीन का उपयोग नहीं बदला जा सकता था। यह जमीन सीधे सरकार के पास जानी चाहिए थी।
चाय बागानों की जमीनें बेचने के मामले में प्रदेश सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया है। इस मामले की जांच किसी भी समय बैठाई जा सकती है।मौजूदा सरकार के पास आए आंकड़ों के अनुसार राज्य में चाय बागानों की दो हजार बीघा से अधिक जमीन गलत तरीके से बेची जा चुकी है। चाय के बागान विकसित करने के लिए दी जमीन निजी उपयोग के लिए बेची गई है, जोकि एक्ट के खिलाफ है। सरकार के पास ऐसी सूचनाएं भी पहुंची हैं कि राज्य में बेनामी सौदे कर भी चाय बागानों की जमीन बेची गई है। इन सभी पहलुओं को लेकर सरकार जांच कराने का मन बना चुकी है। राजस्व, बागवानी और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि चाय बागानों की जमीन कैसे और क्यों बेची गई है, कितने लोगों ने चाय बागानों की जमीन बेची गई है। इसे लेकर सरकार शीघ्र जांच करेगी।