आवाज़ ए हिमाचल
26 मई । 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर देश के अधिकतर राज्यों ने शिक्षा मंत्रालय के दूसरे प्रस्ताव को चुना है। राज्यों ने बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार को अपने सुझाव भेज दिये हैं। राज्यों ने दूसरे प्रस्ताव यानी 90 मिनट की परीक्षा के विकल्प को चुना है। दिल्ली, महाराष्ट्र समेत दो से तीन अन्य राज्यों ने परीक्षा से पहले वैक्सीन लगाने की मांग रखी है। जबकि कुछ राज्य मेडिकल, इंजीनियरिंग और सामान्य डिग्री प्रोग्राम में आगे दाखिले के चलते मुख्य विषयों की ही परीक्षा लेना चाहते हैं। राज्य परीक्षा से ही 12वीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट तैयार करना चाहते हैं। क्योंकि परीक्षा न लेने से ऐसे छात्रों को उच्च शिक्षा से लेकर नौकरी में दिक्कत आएगी।
शिक्षा मंत्रालय अैर राज्यों की 23 मई को आयोजित बैठक के आधार पर मंगलवार को राज्यों को अपने सुझाव देने थे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच परीक्षाएं कराने और सितंबर में परिणाम घोषित करने का प्रस्ताव रखा है। बोर्ड ने दो विकल्प भी प्रस्तावित किये हैं। इनमें एक में 19 प्रमुख विषयों के लिए अधिसूचित केंद्रों पर नियमित परीक्षाएं कराना या छात्रों के अध्ययन वाले स्कूलों में ही अल्पावधि की परीक्षाएं कराने के विकल्प हैं। इस बीच ट्विटर पर हैशटैग बोर्ड परीक्षाएं रद्द करो ट्रेंड करता रहा। 300 से अधिक छात्रों ने भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण को पत्र लिखकर प्रत्यक्ष परीक्षाएं कराने के प्रस्ताव को रद्द करने की गुहार लगाई है तथा पिछले वर्ष की तरह ही वैकल्पिक मूल्यांकन योजना को अमल में लाने का अनुरोध किया है।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार हमें काफी राज्यों से सुझाव और प्रतिक्रियाएं मिली हैं। राज्यों के बीच यह व्यापक आम-सहमति है कि परीक्षाएं कराई जानी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि आपसी सहमति से लिये इस फैसले की घोषणा एक जून तक की जाएगी। सूत्रों के अनुसार हिमाचल प्रदेश, केरल, बिहार और कर्नाटक ने भी दूसरे विकल्प की वकालत की है। केरल ने भी बैठक में टीकाकरण का विषय उठाया था। वहीं, महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने बैठक के बाद कहा था कि राज्य अब भी बिना परीक्षा कराए मूल्यांकन करने के विचार के पक्ष में है। पंजाब सरकार ने भी दूसरा विकल्प चुना है। हालांकि उसने दोहराया कि परीक्षा से पहले विद्यार्थियों को कोविड टीका लगवाया जाना चाहिए। पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला लेने से पहले 12वीं कक्षा के छात्रों को टीका लगवाया जाए।