आवाज ए हिमाचल
25 मई। हिमाचल प्रदेश में अब चाय बागानों के नाम पर हजारों एकड़ जमीन नहीं बेची जा सकेगी। वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में चाय बागानों की 2000 हजार बीघा भूमि का उपयोग बदलकर बेच दी है, जबकि यह नियमों और कायदों के खिलाफ है। मंत्रिमंडल ने इस संबंध में पूर्व में किए संशोधनों को वापस लेकर चाय बागानों की जमीन का लैंड यूज बदल कर बेचने की प्रथा पर नकेल कसने का फैसला लिया है।
प्रदेश में लैंड सीलिंग एक्ट के दायरे से चाय बागानों की भूमि को बाहर रखा गया था। अन्य निजी भूमि की सीमा तय कर दी। कोई भी व्यक्ति तय सीमा से अधिक अपने पास जमीन नहीं रख सकता था। यह कदम भूमिहीनों और गरीबों को जमीन देने के लिए उठाया गया था। चाय बागानों की सीमा इसलिए नहीं रखी गई थी, क्योंकि इन बागों को विकसित करने के लिए ज्यादा जमीन की जरूरत रहती है।