आवाज़ ए हिमाचल
24 मई । हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न विभागों से जुड़े 28 विकास कार्यों के लिए वन भूमि के उपयोग की मंजूरी मांगी है। केंद्र सरकार से एफसीए की मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने इन केसों को सुप्रीम कोर्ट भेजा है। कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा, सिंचाई व शिक्षा जैसे महकमों से जुड़े इन प्रोजेक्टों पर काम शुरू हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई के दौरान करीब डेढ़ साल पहले पेड़ों के काटे जाने व वन भूमि के प्रयोग पर रोक लगा दी थी। कोर्ट के रोक लगाने के बाद प्रदेश सरकार के हजार करोड़ से ज्यादा के करीब ढाई सौ प्रोजेक्ट अधर में पड़ गए थे।
सरकार ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि सरकारी प्रोजेक्टों के लिए वन भूमि के उपयोग की अनुमति दी जाए। इसके बाद ही कोर्ट ने बड़ी संख्या में मामलों में वन भूमि के उपयोग के लिए नियमों के अनुसार अनुमति प्रदान कर दी थी। परन्तु कर्फ्यू की वजह से वन विभाग में इस समय एफसीए मंजूरी की प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया था। सूत्रों के मुताबिक कार्यालय खुलते ही दो दर्जन और केस केंद्र सरकार से मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे। वहां से मंजूरी आने पर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मांगेगी।