आवाज ए हिमाचल
23 मई। हिमाचल में शैक्षणिक ढांचे में बड़ा बदलाव किया जाएगा।राज्य में 5 से 10 किलोमीटर के दायरे में चल रहे स्कूलों को एक क्लस्टर के अधीन लाया जाएगा। स्कूलों का भवन अलग-अलग होगा, कक्षाएं भी अलग-अलग लगेगी लेकन प्रशासनिक व्यवस्था प्रधानाचार्य के हाथों में होगी। पिछले कल वीरवार को केंद्रिय शिक्षा मंत्रालय के साथ वर्चुअली आयोजित प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक में इस व्यवस्था को शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। बैठक में इस मसले पर विस्तृत चर्चा हुई। हिमाचल में भूगौलिक परिस्थितियों को देखते हुए 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्कूल है। ऐसे में 5 से 6 स्कूल एक कलस्टर के अधीन आ जाएंगे। सचिव शिक्षा राजीव शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत इसका प्रावधान किया था। हिमाचल ने इसके लिए पहले से तैयारियां शुरू कर दी थी।
वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला को क्लस्टर बनाया जाएगा। प्राइमरी, मिडल, उच्च सभी स्कूल इसके दायरे में आएंगे। यदि तय दूरी के भीतर दो वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला है तो वहां पर ज्यादा छात्रों की संख्या वाले स्कूलों को क्लस्टर बनाया जाएगा। कलस्टर स्कूल का प्रधानाचार्य सभी स्कूलों में प्रशासनिक व्यवस्था को देखेगा। स्कूल में शिक्षक लंबी छुट्टी पर जाता है या किसी विषय का शिक्षक सेवानिवृत्त हो गया है या तबादला हो गया है तो क्लस्टर स्कूल के प्रधानाचार्य ही वैकल्पिक व्यवस्था तैयार करेंगे। यानी दूसरे स्कूलों से शिक्षकों को अस्थायी तौर पर उस स्कूल का कार्यभार तब तक सौंपा जा सकता है जब तक वहां पर नए शिक्षक की तैनाती नहीं हो जाती। इसके लिए निदेशालय को प्रस्ताव भेजने की भी जरूरत नहीं होगी। अपने स्तर पर यह निर्णय लिया जा सकता है।हिमाचल में 10,721 प्रारंभिक पाठशालाएं हैं। 150 के करीब स्कूल ऐसे हैं जिनमें 10 व इससे कम छात्र हैं। इसके अलावा 1872 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं, 929 उच्च पाठशालाएं हैं। नई व्यवस्था से सरकार को कम संख्या वाले स्कूलों को बंद करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।