आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
19 मई।कोरोना काल में जहां समाज के हर वर्ग पर व्यापक असर पड़ा है, वहीं टैक्सी व्यापार भी इससे अछूता नहीं रहा है। आलम यह है कि जब लोग ही घरों से बाहर नहीं निकल रहे तो इस व्यवसाय का चैपट होना स्वाभाविक ही है। ऐसे जटिल हालातों में सरकार को चाहिए कि वे टैक्सी आपरेटरों व उनके चालकों के खाते में कुछ सम्मानजनक राशी डाले ताकि मुश्किल के इस दौर में वे अपना व परिवार का पेट पाल सके। यह बात प्रैस को जारी बयान में श्री बाबा नाहर सिंह श्रमिक टैक्सी ऑपरेटर यूनियन बिलासपुर के चेयरमैन रमेश चंद कौंडल ने कही। उन्होंने कहा कि बिलासपुर में युवाओं ने बैंकों से ऋण लेकर टैक्सी का व्यापार चलाया है जिससे वे अपना व परिवार का पेट पालते हैं लेकिन कोरोना के इस दौर में यह धंधा भी प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि पिछला साल भी इन्हीं हालातों में गुजरा है तथा यह समय भी बिलकुल विपरीत चल रहा है। उन्होंने कहा कि टैक्सी व्यवसाय से जुड़े युवाओ को इस समय अति गरीबी का सामना करना पड़ रहा है।
टैक्सी व्यवसाय जुड़े युवाओ का कहना है कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद जब सरकारी व अर्ध सरकारी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त नही हुआ तो अपने पूर्वजों की जमीनें बैंक के पास गिरवी रख कर टैक्सियां खरीदी तथा अब कोरोना की बजह से काम न होना मुसीबत पैदा कर रहा है। घरों में खड़ी गाड़ियां खराब हो रही हैं जबकि बैंकों की क़िस्त व ब्याज निरंतर बढ़ता जा रहा है। तनाव के इस माहौल में आगे भी अंधेरा ही दिखाई दे रहा है। रमेश चंद कौंडल ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि टैक्सी ऑपरेटरो की इस गंभीर समस्या को देखते हुए इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि यह वर्ग भी अपना परिवार पाल सके।