कोरोना की रोक के लिए चिकित्सा व्यवस्था सृदृढ़ करने की जरूरत है- डा संजीव गुलेरिया

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आवाज ए हिमाचल
19 मई, फतेहपुर: कोरोना वारियर वह लोग हैं जो कोरोना से पीड़ित रोगी का इलाज, देखभाल, रोगी की मृत्यु होने पर पार्थिव शरीर का दाह-संस्कार कर रहे हैं लेकिन कुछ राजनैतिक लोग इस संकट की घड़ी में भी घरों मे बैठकर इस महामारी में भी फोटो खिंचवाने के साथ अखबारों में बयानबाजी कर रहे हैं कि अंतिम संस्कार करेंगे तो कुछ रोगी को नाश्ता-लंच, खाना देंने के लाइट हेल्पलाइन बनाने की बातें कर रहे हैं। यह कहना है हिमाचल प्रदेश न्यु पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डा संजीव गुलेरिया का ।
एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों के बाबजूद भी अभी कोरोना की रफ्तार कम नहीं हो पाई है। डा गुलेरिया ने सरकार को सलाह देते हुए कहा है कि आपदा की इस घड़ी में चिकित्सा व्यवस्था सृदृढ़ करने की जरूरत है तथा जिस तरह सेना ने अपने रिटायर्ड फौजी डाक्टरों को वापिस सेना में कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए पुनः अस्पतालों में काम करने के लिए नियुक्त किया है,  वैसे ही प्रदेश सरकार भी आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड डाक्टरों- फार्मेसिस्ट एवं अन्य स्टाफ को सरकारी सेवा में नियुक्त कर के कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए वरीयता के आधार पर कार्य करें।
तभी इस महामारी को हिमाचल प्रदेश में आगे फैलने से रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इस वक्त सरकार को घर द्वार टीकाकरण व कोरोना टेस्ट का काम वरीयता के आधार पर करना चाहिए ताकि यह वायरस फैलने से रुक सके। डा संजीव गुलेरिया ने कहा गई कि इस आपदा में जो लोग नकली नक़ली रेमडेसिविर इंजैकशन बना कर कोरोना वायरस से पीड़ित रोगी को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं, उन हैवान दवा निर्माताओं के खिलाफ सख्त कर फांसी जैसी सजा दे देनी चाहिए ।

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