आवाज़ ए हिमाचल
16 मई । आमतौर पर हिमाचल प्रदेश आक्सीजन इंजन का काम करता है, मगर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमितों को कृत्रिम आक्सीजन देने का काम भी कर रहा है। प्रदेश में इस समय 13 कंपनियां 55 मीट्रिक टन आक्सीजन उत्पादन कर रही हैं। इनमें से चार को कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन उत्पादन का लाइसेंस मिला है। कोरोना मरीजों को पर्याप्त आक्सीजन उपलब्ध करवाने के लिए सरकारी संस्थानों इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं शिमला अस्पताल, टांडा मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर व चंबा मेडिकल कॉलेज में भी प्लांट शुरू हो गए हैं।
आक्सीजन की कमी न होने पाए इसके लिए निजी क्षेत्र में भी कंपनियां उत्पादन कर रही हैं। इसके अलावा अतिरिक्त आक्सीजन अन्य राज्यों को भेजी भी जा रही है। इस समय सर्वाधिक आवश्यकता बी और डी श्रेणी के सिलेंडरों की है, ताकि मरीजों तक आक्सीजन को पहुंचाया जा सके। तथा उन्हें कोरोना सेड बचाया जा सके ।