आवाज़-ए-हिमाचल
9 नवम्बर : निजी स्कूलों की मनमानी, भारी फीस वृद्धि पर रोक लगाने को लेकर छात्र अभिभावक मंच ने शिमला शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। मंच ने आरोप लगाया कि सरकार निज़ी स्कूलों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है।
पहले सरकार फीस कटौती की बात करती है और बाद में मुकर जाती है इससे साफ है कि सरकार निज़ी स्कूलों से सांठगांठ कर उनको लाभ पहुंचा रही है। छात्र अभिभावक मंच के मुताबिक़ प्रदेश में 15 लाख अभिभावक व छात्र निज़ी स्कूलों की मनमानी का शिकार हो रहे है। निज़ी स्कूल अभिभावकों से हर साल साढ़े 3 हज़ार मनमानी लूट करते है।
मंच के सदस्य ने कहा कि प्रदेश सरकार निजी स्कूलों की मनमानी व भारी लूट के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उल्टा उनको फ़ायदा पहुंचाने के लिए अपने निर्णयों से पलट रही है।
उन्होंने कहा है कि अगर वाकई में प्रदेश सरकार निजी स्कूलों के छह लाख छात्रों व नौ लाख अभिभावकों के प्रति गम्भीर है, तो निजी स्कूलों में फीस, पाठ्यक्रम व विषयवस्तु को संचालित करने के लिए कानून पारित करे|
प्रदेश उच्च न्यायालय ने कहीं नही कहा है कि स्कूल लॉक डाउन की फ़ीस बसूल सकते है। प्रदेश सरकार व शिक्षा मंत्री जनता को गुमराह कर रहे हैं।