आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
11 मई। देश में जिस तरह से पिछले 24 घण्टों में कोविड 19 के केसों में गिरावट आई है,इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश और बिलासपुर में कोरोना मामलों में इजाफा हुआ है। हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में 60 से ज्यादा मौतें दर्ज हुई हैं। बात इतनी सी नहीं है अभी हिमाचल प्रदेश में पंचायत स्तर पर सेनेटाइज़ेशन की व्यवस्था सरकारी तौर पर नहीं हो पाई है यह कहना है जिला कांग्रेस महासचिव संदीप सांख्यान का है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद और नगर निगमों में तो सरकारी तौर पर सेनेटाइज़ेशन हो रही है,लेकिन बड़ा सवाल यह है पंचायत स्तर पर प्रदेश सरकार और पंचायती राज विभाग अभी तक यह अधिसूचना निकालने में असफल रहा है कि पंचायत स्तर पर भी सेनेटाइज़ेशन का काम हो।
क्योंकि गत वर्ष पंचायत के प्रधानों को प्रदेश सरकार ने बाकायदा सूचना निकाली थी कि पंचायत प्रधान अपनी ग्राम पंचायत में मास्क विरतण और सेनेटाइज़ेशन के लिए कुछ सीमित फंड का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन अब जब ग्राम पंचायत स्तर पर भी कोविड 19 की नियंत्रण से बाहर हो रही है तो ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसी कोई फंड और राशी के बारे में प्रदेश सरकार की तरह से फरमान जारी क्यों नही किया जा रहा कि ग्राम पंचायतों में सेनेटाइज़ेशन हो सके। हैरानी की बात तो यह कि सरकार के इस रवैये के पंचायत के लोंगो को बहुत रोष है। इससे तो शाबाशी उन निजी संस्थाओं और समाजसेवियों को है जो अपनी निजी पूंजी से प्रदेश में पंचायत स्तर पर सेनेटाइज़ेशन करवा रहे है।
इस मामले में प्रदेश के पंचायती राज मंत्री व पंचायती राज विभाग को सोचना चाहिए, कि क्यों न ग्राम पंचायत स्तर पर जो पैसा पड़ा है उसको कोविड 19 पेंडेमिक को देखते हुए सेनेटाइज़ेशन का काम करवाया जाए। हमारे गाँव मे यूथ क्लब, महिला मण्डलों की सेवाओं और न स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से इस सेनेटाइज़ेशन के काम को करवाया जा सकता है लेकिन जैसे जैसे लापरवाही बरती जाएगी वैसे वैसे परिणाम गंभीर होते जायेगें। तो ऐसे में मेरा प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री से अनुरोध है कि जल्द से जल्द ग्राम पंचायतों में प्रधानों के अधिसूचना जारी करके कहा जाए कि पंचायत में पड़े फंड से सेनेटाइज़ेशन आदि करवाया जाना चाहिए।