- आवाज ए हिमाचल
04 मई। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बंगाल समेत पांच राज्यों के चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के पक्षपाती रवैये को लेकर उस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। चुनाव आयोग पर संविधान की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने मौजूदा चुनाव आयोग को भंग कर सभी चुनाव आयुक्तों के खिलाफ जांच व कार्रवाई की मांग की है। साथ ही कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ नए सिरे से चुनाव आयोग के गठन को लेकर फैसला करे।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो लगातार चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाती आ रही हैं मगर कांग्रेस के असंतुष्ट जी-23 समूह के प्रमुख नेता आनंद शर्मा ने सोमवार को आयोग पर राजनीतिक नेताओं की तरफ से अब तक का सबसे तीखा हमला किया। शर्मा ने ट्वीट के जरिये बयान जारी कर कहा कि हाल के चुनाव और इसमें चुनाव आयोग की भूमिका ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है।आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के अपने संवैधानिक दायित्व का उल्लंघन किया है। कोरोना की बढ़ती लहर के बीच चुनाव अभियान के दौरान आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए शर्मा ने कहा कि जब आग चारों तरफ फैल गई तो आयोग ने आखिरी चरण में दिखावा करने के लिए कुछ कदम उठाए।
आयोग ने ऐसा करके किसी को मूर्ख नहीं बनाया बल्कि नागरिकों के विवेक का अपमान किया। उन्होंने कहा कि बंगाल में आयोग ने भाजपा के सहयोगी की भूमिका निभाई। उसका खुला पक्षपाती रवैया स्तब्धकारी ही नहीं, निंदनीय भी है।राज्यसभा में उपनेता विपक्ष आनंद शर्मा ने कहा, ‘मौजूदा चुनाव आयोग को भंग किया जाना चाहिए और इसके सदस्यों के एक्शन की जांच होनी चाहिए। चुनाव आयोग ने खुद को शर्मसार किया है और मतदाताओं के भरोसे को छला है।’ आयोग के नए सिरे से गठन की मांग करते हुए शर्मा ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ को चुनाव आयोग के स्वरूप और मुख्य चुनाव आयुक्त व चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की योग्यता का फैसला करना चाहिए। साथ ही संविधान के अनुसार स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए दिशा-निर्देश भी बनाए जाने चाहिए।’
वैसे ममता बनर्जी लगातार चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाती रहीं हैं और चुनाव परिणामों के बाद भी उन्होंने आयोग पर निशाना साधते हुए उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। ममता के चुनाव सलाहकार प्रशांत किशोर ने भी नतीजे आने के बाद साफ कहा था कि चुनाव आयोग बंगाल में भाजपा के एक्सटेंशन काउंटर सरीखा रहा और उन्होंने आयोग की ऐसी पक्षपाती भूमिका कभी नहीं देखी थी।मद्रास हाई कोर्ट ने भी कोरोना के दौरान चुनाव अभियान को नियंत्रित करने की नाकामी को लेकर चुनाव आयोग की जमकर फटकार लगाते हुए उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा तक दर्ज किए जाने की बात कही थी।