आवाज ए हिमाचल
01 मई। दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति, बेड और दवाओं की कमी को लेकर हाईकोर्ट में बहस जारी है। इस दौरान कोर्ट दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और उनकी असफलता को देखते हुए आग बबूला हो गया और कहा कि अगर स्थिति आपसे संभल नहीं रही थी तो सेना की मांग करनी चाहिए थी। हाईकोर्ट ने कहा कि इस वक्त हर कोई तनाव में हैं, यहां तक कि हम खुद तनाव में हैं। इस दौरान बत्रा अस्पताल ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसके पास ऑक्सीजन का स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो गया है। अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि आज सुबह 6 बजे से ही ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहे हैं। अस्पताल में 307 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 230 को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।
इस पर उच्च न्यायालय ने बत्रा हॉस्पीटल से कहा कि आप डॉक्टर हैं और आपको अपनी नब्ज को पकड़ने की जरूरत है। इसके साथ ही व्यवस्था को पटरी पर लाने में समय लगेगा।बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए सशस्त्र बलों की मदद लेने के सुझावों पर दिल्ली सरकार के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि इस प्रक्रिया में हम उच्चतम स्तर पर हैं। हमारी सरकार इसे देख रही है और जल्द ही दिल्ली में 15000 और बेड जुड़ जाएंगे। इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपने सेना की मांग क्यों नहीं की। अगर आप सेना से अनुरोध करते तो वे अपने स्तर पर काम करते। उनका अपना बुनियादी ढांचा है।
दिल्ली सरकार के अधिवक्ता राहुल मेहरा ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि वे सहमत राशि के 40 प्रतिशत से कम की आपूर्ति करने के लिए आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ अवमानना की नोटिस जारी करें। उन्होंने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं में जब तक डर नहीं पैदा कर देते, तब तक वे शहर में लूट मचाते रहेंगे। हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरी को आपूर्तिकर्ताओं से बात करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने केंद्र को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि वे हरियाणा नंबर वाले चार ऑक्सीजन टैंकर दिल्ली को आवंटित करें। राजस्थान में हाल ही में हिरासत में लिए गए टैंकर को तुरंत रिहा करे। कोर्ट ने केंद्र को इस बारे में रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है।