आवाज ए हिमाचल
धर्मशाला
30 अप्रैल। पिछले कुछ महीनों में राज्य में कोविड मामलों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और कम अवधि में ही सक्रिय मामले 218 से बढ़कर 18,000 हो गए हैं। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि कोविड की पहली लहर के दौरान इस महामारी से बचाव के प्रमुख हथियार सामाजिक दूरी, हाथ की स्वच्छता और मास्क का उपयोग था जबकि दूसरी लहर में कोविड टीकाकरण एक अतिरिक्त हथियार है। प्रदेश में अब तक 14.77 लाख लोगों को कोविड की खुराक दी गई है जिनमें 2.37 लाख लोगों ने दूसरी खुराक ले ली है। उन्होंने कहा कि अधिकतम मामले हल्के लक्षण या लक्षणरहित देखे गए हैं। ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने को कहा गया है। इस सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रयोगशाला में पाॅजीटिव मामलें जिनमें कोई भी लक्षण नहीं है और आॅक्सीजन का स्तर सामान्य तौर पर 94 प्रतिशत से अधिक है वे नैदानिक रूप से लक्षणरहित हैं। इसके अतिरिक्त सभी पाॅजीटिव मामलें जिनमें बुखार और सांस की समस्या संबंधी लक्षण नहीं है और आॅक्सीजन स्तर 94 प्रतिशत से अधिक है, उनको हल्के लक्षण वाले मामलों मंे शामिल किया गया है। चिकित्सा अधिकारी के परामर्श पर ऐसे लक्षणों वाले लोगों को स्वयं को आइसोलेट करना चाहिए।
कोविड पाॅजीटिव रोगी को घर के अन्य सदस्यों से अलग रहना चाहिए। उन्हें विशेषकर वृद्धजनों और उच्च रक्तचाप, हृदय सम्बन्धि रोग, किडनी रोग आदि जैसी गम्भीर बीमारियों से पीड़ित लोगों से दूर रहना चाहिए। रोगियों को हर समय तीन परत वाले मास्क केवल आठ घण्टे तक उपयोग में लाने चाहिए। रोगी को पौष्टिक आहार और पर्याप्त आराम करने के साथ-साथ शरीर को पानी की कमी से बचाने के लिए अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए। बीमार व्यक्ति की देखभाल के लिए हर समय कोई सहायक उपस्थित होना चाहिए। रोगी को अपने नाक और मुंह को छूने से बचना चाहिए।रोगी के सम्पर्क में आने के उपरान्त साबुन या अल्कोहलयुक्त हैंड रब से 40 सेकंड तक हाथ धोने चाहिए। बीमार व्यक्ति या उसके तत्कालीन सम्पर्क में आए लोगों से दूर रहना चाहिए और रोगी की सांस के सीधे सम्पर्क में नहीं आना चाहिए। रोगियों की देखभाल करते समय डिस्पोजेबल दस्तानों का प्रयोग करें और उन्हंे कमरे में ही भोजन उपलब्ध करवाएं। रोगियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तनों को साबुन और डिटर्जेट से साफ किया जाना चाहिए ताकि इन्हें दोबारा इस्तेमाल किया जा सकें। उन्होंने कहा कि मरीज अपने लक्षणों के प्रति सचेत रहें और यदि उन्हें सांस लेने में तकलीफ, आॅक्सीजन स्तर में गिरावट, छाती में दर्द और मानसिक तनाव जैसे लक्षण आए तो तुरन्त अपने निकटतम स्वास्थ्य अधिकारी से सम्पर्क करें।
उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में कोविड रोगी स्वयं को किसी भी प्रकार के लक्षण सामने न आने के लगभग 10 दिन के उपरान्त तीन दिनों तक बुखार न होने पर होम आइसोलेशन से बाहर आ सकता है। होम आइसोलेशन अवधि पूरी होने के उपरान्त कोविड जांच की आवश्यकता नहीं है। होम आइसोलेशन में दवाइयों के सम्बन्ध में घर में रेमेडस्विर का सेवन न करने की स्पष्ट रूप से सलाह दी जाती है। ओरल स्टिराॅयड्ज की भी सीमित भूमिका है। पांच दिनों तक लक्षण समाप्त नहीं होने की स्थिति में इनहेशनल बुडेसोनाइड का उपयोग कर सकते हैं। प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार कोविड-19 के प्रसार को फैलने से रोकने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है और इस सम्बन्ध में कई कठोर निर्णय भी लिए गए हैं। विभिन्न जिला प्रशासनों ने भी जिलों की स्थानीय स्थिति के अनुसार कई अतिरिक्त प्रतिबन्ध लगाए हैं। उन्होंने आम जनता से अनावश्यक कारणों से बाजारों/भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने और प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर कोविड के सम्बन्ध में जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करते हुए ही बाहर जाने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से लक्षण आने पर स्वयं की कोविड जांच करवाने और रिपोर्ट के उपलब्ध होने तक होम आइसोलेशन में रहने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाईन-1100 को लेकर प्राप्त हो रहे सवालों के संबंध में राज्य निगरानी अधिकारी डाॅ. राजेश ठाकुर, स्टेट इम्युनाइजेशन अधिकारी डाॅ. हितेन बन्याल ने इस हेल्पलाइन के स्टाफ को पुनः जागरुक किया है। प्रदेश में टीकाकरण के संबंध में प्रवक्ता ने कहा कि 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के लिए कोविन पोर्टल व आरोग्य सेतु ऐप पर पंजीकरण शुरू कर दिया गया है। सभी पात्र व्यक्ति इस पोर्टल पर टीकाकरण के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। हिमाचल प्रदेश इस श्रेणी में टीकाकरण के लिए पात्र लोगों की संख्या लगभग 31 लाख है। इन लोगों को सरकारी कोविड टीकाकरण केन्द्रों पर टीका लगाने के लिए राज्य ने सीरम इन्सटीच्यूट आॅफ इण्डिया से कोविड की 73 लाख खुराकें चरणबद्ध तरीके से खरीदने के लिए मांग पहले ही भेज दी है। दवा निर्माता कम्पनी ने सूचित किया है कि आपूर्ति तीन-चार सप्ताह में आरम्भ हो जाएगी और इसके उपरान्त राज्य के सरकारी कोविड टीकाकरण केन्द्रों पर टीकाकरण का तीसरा चरण आरम्भ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण राज्य में तब तक शुरू नहीं होगा जब तक कि राज्य की मांग के अनुसार टीके की आपूर्ति नहीं हो जाती जिसके लिए वैक्सीन निर्माताओं को लगभग 3 से 4 सप्ताह का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि यदि निजी अस्पतालों में वैक्सीन उपलब्ध है तो वे इस आयु वर्ग के लिए कोविन पोर्टल पर उनके लिए घोषित मूल्य और वैक्सीन के प्रकार के अनुसार टीकाकरण शुरू कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर राज्य और क्षेत्र आधार पर पंजीकृत व्यक्तियों की संख्या के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं होती।
उन्होंने कहा कि मीडिया में कुछ रिपोर्ट्स आईं है कि स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को एक मई से टीकाकरण करवाने में परेशानी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों कोरोना वैक्सीन की पहली व दूसरी खुराक लगवाने में कोई समस्या नहीं होगी। जो लोग वैक्सीन की पहली खुराक ले चुके है उन्हें दूसरी खुराक लेने के लिए आगे आना चाहिए ताकि वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए 2.08 लाख खुराक उपलब्ध है और 1.5 लाख कोरोना वैक्सीन की खुराक और पहुंच गई है।उन्होंने 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों से आग्रह किया कि वे कोविन पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाएं लेकिन सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर तभी जाएं जब उन्हें कोविन पोर्टल पर स्वीकृति मिल जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन उपलब्ध होने की जानकारी मीडिया के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाएगी। कोविन एप्लिकेशन पर भी कोरोना वैक्सीन लगाने की जानकारी हासिल की जा सकती है। किसी भी प्रकार की परेशानी व असुविधा से बचने के लिए केवल वैक्सीन लगाने की जानकारी हासिल होने के बाद ही सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्र पर जाना चाहिए।