आवाज ए हिमाचल
30 अप्रैल। कनिष्ठ अभियंताओं का संघर्ष रंग लाने लगा है। पदोन्नति की मांग को लेकर सरकार और विभाग ने कदमताल शुरू कर दी है जिसके तहत सहायक अभियंता को पदोन्नत कर अधिषाशी अभियंता बनाया गया है। जिसके लिए हिमाचल प्रदेश कनिष्ठ अभियंता संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजीव कुमार सहित पूरी प्रदेश कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव पीडब्लयूडी विभाग का आभार व्यक्त किया है। प्रैस को जारी बयान में प्रदेशाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि उनकी मेहनत रंग ला रही है तथा सरकार ने पदोन्नतियों के दरवाजे को खोला है। उन्होंने कहा कि हालांकि पूरे प्रदेश में सहायक अभियंताओं के करीब 35 पद रिक्त चल रहे हैं जिन पर नियमानुसार कनिष्ठ अभियंताओं को पदोन्नत कर भरा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब पदोन्नति हो तो नियमित तरीके से हो न कि हैंडिड ओवर चार्ज दिया जाए।
राजीव कुमार ने आशा व्यक्त की है कि सरकार शीघ्र ही बाकि रिक्त पदों को भी पदोन्नत कर कनिष्ठ अभियंताओं को राहत पहंुचाएगी। वहीं अन्य मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्शित करते हुए राजीव कुमार ने बताया कि सरकार और विभाग सेवानिवृत कर्मचारियों को सेवा विस्तार लाभ देकर अन्य कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक कर रही है। जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील मसले पर जेई संघ ने कड़ा रूख एख्तियार कर लिया है। उन्होंने बताया कि 8 दिसंबर 2020 को संघ के सभी सदस्यों ने काले बिल्ले लगाकर रोश व्यक्त किया था जबकि 15 दिसंबर को सभी कनिष्ठ अभियंताओं ने अपने मोबाईल फोन बंद रख कर विरोध जताया था। राजीव कुमार ने कहा कि पूरा समय लगाकर सेवानिवृत हो रहे अपने चहेतों को एक्सटेंशन दी जा रही है जबकि सैंकड़ों कर्मचारी पदोन्नति की आस लगाए बैठे हैं। ऐसे हालातों में इन कर्मचारियों के भविष्य की चिंता कौन करेगा।
सरकार अपने चहेतों को इस प्रकार का विस्तार देकर अन्य कर्मचारियों के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार को भी चाहिए कि वे सेवा विस्तार के पीछे की मंशा को स्पष्ठ करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कनिष्ठ अभियंता संघ इस सेवा विस्तार का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कई बार सरकार और विभाग के आला अफसरान को पत्राचार के माध्यम से आग्रह किया जा चुका है कि किसी भी कर्मचारी को सेवा विस्तार न दिया जाए। क्योंकि इससे पदोन्नति की राह देख रहे अन्य कर्मचारियों की वरिष्ठता पर असर पड़ता है, हैरानी की बात है कि कई कनिष्ठ अभियंता पदोन्नति की राह देखेते देखते सेवानिवृत भी हो गए हैं।