आवाज़ ए हिमाचल
27 अप्रैल। हिम-आंचल पेंशनर्स संघ के प्रदेशाध्यक्ष योग राज शर्मा, संघ संस्थापक बीडी शर्मा, मुख्य संरक्षक रमेश भारद्वाज तथा मुख्य सलाहकार सतपाल कालिया ने जारी संयुक्त वक्तव्य में सरकार के कोरोना संकट में पेंशनर्स एवं फैमिली पेंशनर्स की पेंशन से एक दिन की बेसिक पेंशन राशि की कटौती करने पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने सरकार के एक पक्षीय फैसले को वापस लेने की मांग उठाई है। यदि सरकार पेंशनर्स संघ के पदाधिकारियों से संपर्क करती तो शायद इससे अधिक साकारात्मक निर्णय लिया जाता।
विशेष कर संघ इस बात पर भी खफ़ा है कि कम पेंशन लेने वाले पेंशनर या न्यूनतम पेंशन लेने वाले फैमिली पैंशनर्स पर भी सरकार ने रहम नहीं किया है। संघ सरकार के ध्यान में यह लाना भी अपना कर्त्तव्य समझता है कि बहुत से वृद्ध पैंशनर्स व फैमिली पैंशनर्स विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं और बड़ी मुश्किल से दवाईयों का खर्च तथा अपने परिवार के पालन-पोषण कर रहे हैं।सरकार को पेंशनरों की याद कोरोना बीमारी की भयावह परिस्थिति में तो आ गई। लेकिन संघ ने बारम्बार पेंशनरों की मांगों व उनकी विभिन्न समस्याओं के संबंध में समय-समय पर पत्र प्रेषित किए, मांगों के ऊपर विचार करना तो दरकिनार पत्रों के उत्तर न देकर प्रदेश के वृद्ध पेंशनरों का अपमान किया है।
वर्तमान सरकार के सत्तासीन होने पर पेंशनर्स युवा नेतृत्व से अपनी समस्याओं के समाधान के कयास लगाए बैठे थे, लेकिन तीन साल के कार्यकाल में पेंशनरों की समस्याओं पर विचार करने के लिए संघ के वार-वार अनुरोध पर भी सरकार द्वारा जेसीसी की बैठक बुलाना तक उचित नहीं समझा है। अतः सरकार से पुरजोर अनुरोध है कि भविष्य में पेंशनरों से संबंधित इस प्रकार के तुगलकी फरमान में न जारी किए जाएं, अन्यथा प्रदेश के पेंशनर्स कड़े पग उठाने में गुरेज नहीं करेंगे।