आवाज ए हिमाचल
24 अप्रैल। दिल्ली के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में अहम सुनवाई जारी है। शनिवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट को लेकर सुनवाई के दौरान अदालत ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पर नाराजगी जताई। इसके साथ ही दिल्ली सरकार से पूछा कि दिल्ली के लोगों को समय पर ऑक्सीजन मिले, इसके लिए सरकार अपना प्लांट क्यों नहीं लगाती है? वहीं, अदालत ने केंद्र से भी यह जानकारी मांगी कि दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन मिलेगी और कैसे आएगी? इसके बारे में बताएं। वहीं, सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की कि केंद्र राज्य, स्थानीय प्रशासन से जुड़ा कोई भी अधिकारी जो ऑक्सीजन की आपूर्ति में दिक्कत पैदा करेगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे।
कोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी पर जताई नाराजगी
दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई के दौरान गहरी नाराजगी जताई। सुनवाई के दौरान मौजूद जस्टिस विपिन सांघी ने कहा- ‘हम कई दिनों से सुनवाई कर रहे हैं। रोजाना एक ही तरह की बात सामने आ रही है। अखबारों और चैनलों के जरिये बताया जा रहा है कि हालात गंभीर हैं। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी कहा कि वह बताए कि दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन मिलेगी और कैसे आएगी? वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से सुनवाई के दौरान बताया गया कि दिल्ली को शुक्रवार को सिर्फ 296 टन ऑक्सीजन मिली, जो 480 टन की मांग से बेहद कम है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि हमारे कोटे की 480 टन ऑक्सीजन दिलाई जाए। इसके अभाव में अगले 24 घंटे में सिस्टम कोलेस्प हो जाएगा। हमारे पास कोई चारा नहीं बचा है। हर मिनट जान जा रही हैं।केंद्र सरकार ने दिल्ली के स्थानीय स्तर पर कमी का हवाला दिया है। केंद्र का कहना है कि दिल्ली के पास करीब 600 टन ऑक्सीजन है, जो या तो अस्पतालों के पास है या आपूर्तिकर्ता के पास है, ऐसे में दिल्ली सरकार को अपनी आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ करनी होगी।