आवाज़ ए हिमाचल
.मोहिंद्र सिंह,सैंज(कुल्लू)
06 नवंबर।इंडो-जर्मन परयोजना HPFES ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग के अंतर्गत GIZ द्वारा ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की पंचायत शांघड में चलाई जा रही मुहिम के तहत लोगों को 8 दिवसीय पक्षी दर्शन गाइड का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
वन मंडल अधिकारी सुनित भारद्वाज का कहना है इस प्रशिक्षण के तहत ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में पाए जाने वाली पक्षियो की प्रजातियों व गांव के आसपास दिखने वाले सामान्य पक्षी एशी प्रिंयाग्रे, बुशचैट, ग्रे श्राइक, स्ट्रीक्ड लाफिंग थ्रश, ब्लैक ड्रोंगो, ग्रेट बार्बेट, येलो-बिल्ड ब्लू मैगपाई, ओरिएंटल कछुए कबूतर, पैराडाइज फ्लाईकैचर, ग्रेट टिट, येलो-बेल्ड फेंटेल, स्लेटी-हेडेड परकेट, कालिज तीतर, लाल जंगलफॉवेल, कॉमन कोयल, कॉमन ह्वाक कोयल, स्क्रब पैच, ब्लू व्हिस्लिंग थ्रश, हिमालयन बुलबुल आदि को पहचान करवाने संग
पक्षियों का आपकी संस्कृति का महत्व, पक्षियो को कैसे और कहां देखा जा सकता है?
पक्षियों की पहचान उनके भाग के निशान, सर के निशान, पंखो पर रंग से पहचानना, पक्षी प्रमुख समूहों का ज्ञान, न उड़ने वाले और उड़ने वाले पक्षी ज्ञान और पहचानना, भूमि और जलीय पक्षी, चोँच का माप और आकार, पैरो के प्रकार से पहचानना, पक्षियों के प्रजाति आधारित खाना को जानना इसके साथ बर्डवाचिंग के लिए आवश्यक बुनियादी अच्छे दूरबीन वह अन्य उपकरणों का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि प्रजातियों की पहचाना जा सके।
इस प्रशिक्षण को चेनई से डॉ जसतुस जोशुआ, शिमला से ज्योति कश्यप, जोधपुर से रितेश शर्मा ऑनलाइन क्लास लेंगे और डॉ सुवीना ठाकुर वन मंडल अधिकारी, मनोज कुमार और विनय कुमार वन रक्षक ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क ऑफलाइन क्लासे और फील्ड में पक्षी पहचानने में सहायता करेगे।इसके साथ वन विभाग द्वारा दूरबीन, पक्षी पहचानने की पुस्तक भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
आजीविका के रूप में बर्ड वॉचिंग गाइड हितधारकों को प्रशिक्षित किया जायेगा ताकि वे बर्डवॉचिंग गाइड पर्यटकों को सेवाएं प्रदान कर सकें और कम से कम नुक्सान रहित पर्यटन में आजीविका कमा सकते हैं।ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के सरंक्षण में अहम भागीदार बन सके।
प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर हीरा लाल का कहना है कि उत्तराखंड में मोनाल को दिखाने से बर्ड वाचिंग गाइड सालाना लगभग 6 – 10 लाख कमाते है। हिमालय में एक सामान्य पक्षी गाइड, प्रति व्यक्ति प्रति दिन लगभग 1500-2000 रुपये कमा सकते है।
ग्राम पंचायत शांघड प्रधान, सेक्रेटरी का इस प्रशिक्षण को सफल बनाने में बहुत बड़ा योगदान इस रहेगा। नेशनल पार्क कंजरवेटर अजीत ठाकुर ने कहा कि पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ सरकार के दिशा निर्देश सैंज घाटी नेशनल पार्क में कई गतिविधियां चलाई गई है।