आवाज़ ए हिमाचल
07 अप्रैल। आयुर्वेदिक दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के महासंघ प्रदेश अध्यक्ष तरसेम कुमार व हिमाचल प्रदेश के आयुर्वेदिक विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने प्रदेश की भाजपा सरकार के प्रति रोष प्रकट किया है। इस संघ का कहना है हर बार प्रदेश सरकार के आदेश होते हैं। सभी विभागों को जिन कर्मचारियों का पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सितंबर व 31 मार्च को नियमित किया जाएगा।
लेकिन हिमाचल प्रदेश में आयुर्वेद विभाग ऐसा विभाग है कि जिसमें 5 नहीं 10 नहीं 21 वर्ष की सेवा देने के उपरांत अभी प्रदेश सरकार के आदेशों के अनुसार नियमित नहीं किया जाता है और ना ही प्रदेश सरकार के नियमों को आयुर्वेद विभाग में मात्र दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के 21 वर्षों की सेवा देने के उपरांत में लागू नहीं किया गया है। गरीब वर्ग दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को 21 वर्ष सेवा देने के उपरांत गंभीर समस्या का दुख का विषय है। इस संघ सरकार के प्रति भारी रोष है कि प्रदेश सरकार के बार-बार नियमित करने की याद करने के बावजूद भी प्रदेश भाजपा सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
इन 4 वर्षों में इन कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार से कई बार मांग भी की है कि आयुर्वेद विभाग में आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित करने के लिए प्रदेश सरकार व विभाग असफल है कि तो गरीब दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को अन्य विभागों में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए। लेकिन प्रदेश सरकार ने कोई भी ऐसा ठोस कदम नहीं उठाया। जिससे कर्मचारी सेवा देने के उपरांत हो सके इस महासंघ का कहना है कि कि जब हिमाचल प्रदेश में पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने पर बाकि सभी विभागों में नियमित किया जाता है।आयुर्वेद विभाग में 21 वर्ष की सेवा देने के उपरांत भी नियमित नहीं किया जाता है। 21 वर्ष की सेवा देने के उपरांत अभी नियमित करने के लिए गरीब दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का शोषण होता रहा है ना तो प्रदेश सरकार को कोई चिंता है और ना ही आयुर्वेदा विभाग के उच्च अधिकारियों को कोई चिंता है यह 21 वर्ष की सेवा देने के उपरांत चक्की के आटे की तरह पीसे जा रहे हैं बाकी विभागों में तो नियमों के अनुसार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जा रहा है।
60 वर्ष की आयु सीमा पार करने वाला दैनिक वेतन भोगी आगे जिंदगी का कैसे गुजर बसर करेगा यह कितनी चिंता का विषय है प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की जानकारियों का 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है 30 मार्च अन्य विभाग के नियमों के आधार पर नियमित किया जाए नहीं तो यह संघ सरकार के समक्ष धरने पर बैठने से भी गुरेज नहीं करेगा।