आवाज़ ए हिमाचल
01 अप्रैल। हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। एक अप्रैल से प्रदेश में सरसों व गेहूं की खरीद शुरू हो गई है। प्रदेश में पहली बार गेहूं की खरीद का पैसा सीधे किसानों के खाते में डाला जा रहा है। इसके साथ ही आढ़तियों की आढ़त उनके खाते में सीधे डाल दी जाएगी। पूर्व की व्यवस्था में किसानों को उनका पूरा पैसा नहीं मिलता था और किसान को आर्थिक नुकसान झेलकर भी मनमसोस कर बैठना पड़ता था, लेकिन वर्तमान में इस तरह के किसान के शोषण पर अंकुश लगा है।
सरसों की खरीद का पैसा किसानों के खातों में 2020 में ही डालना शुरू कर दिया गया था। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि किसान हित में भाजपा सरकार हर संभव ठोस कदम उठा रही है। यहीं वजह रही कि एक हजार करोड़ रुपये का घाटा झेलकर भी प्रदेश सरकार ने किसानों का बाजरा अपने खजाने से खरीदा। उन्होंने कहा कि खरीफ की फसल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 900 करोड़ रुपये मुआवजा बांट दिया गया है। किसानों के खातों में यह राशि डाल दी गई है। किसी भी सरकार में इतनी जल्दी मुआवजा राशि किसानों को नहीं दी जाती थी। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में कस्टमर हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं। किसानों को कृषि उपकरण लेने में कोई परेशानी न आए, इसके लिए कृषि औजारों पर 285 करोड़ रुपये सब्सिडी दी गई है।
दक्षिण हरियाणा में माइक्रो इरिगेशन योजना पर हो रहा तेजी से काम
इसके साथ ही दक्षिण हरियाणा में माइक्रो इरिगेशन योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है और इसका फायदा, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, दादरी व भिवानी जिले के किसानों को मिलेगा। साथ ही जवाहरलाल नेहरू नहर के पंपों को पूरी तरह से बदला जा रहा है। करीब 17-18 करोड़ रुपये के टेंडर छोड़ दिए हैं। इससे दक्षिण हरियाणा के अंतिम छोर तक नहरी पानी आसानी से पहुंचाया जा सकेगा।