आवाज़ ए हिमाचल
31 मार्च। प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नयना देवी जी में 13 से 22 अप्रैल तक चैत्र नवरात्र के दौरान दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 के निर्देशों का पालन करना होगा। श्रद्धालुओं को बिना मास्क के कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जाएगी। श्रद्धालुओं को एक जगह एकत्रित होने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा, उन्हें उचित दूरी रखनी होगी तथा मास्क का प्रयोग करना होगा।यह जानकारी आयुक्त श्री नयना देवी जी मंदिर एवं उपायुक्त रोहित जम्वाल ने लगने वाले चैत्र नवरात्र 2021 के प्रबंधों के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को कोविड-19 के बारे में जागरूक करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्रचार-प्रसार सामग्री तथा जागरूकता पोस्टर लगाए जाएंगे। मां के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को हरसंभव सुविधाएं, सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता इत्यादि उपलब्ध करवाने के लिए जिला प्रशासन व मंदिर न्यास भरपूर प्रयास करेगा।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को कोविड-19 के बारे में जागरूक करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्रचार-प्रसार सामग्री तथा जागरूकता पोस्टर लगाए जाएंगे। मां के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को हरसंभव सुविधाएं, सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता इत्यादि उपलब्ध करवाने के लिए जिला प्रशासन व मंदिर न्यास भरपूर प्रयास करेगा।
ड्रोन से की जाएगी निगरानी
रोहित जम्वाल ने कहा कि नवरात्र के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र को नौ भागों में विभाजित किया जाएगा जिनमें पांच सेक्टर अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त आवश्यकता अनुसार पुलिसकर्मी व होमगार्ड्स भी तैनात करेंगे। इस दौरान श्रद्धालुओं पर नजर रखने के लिए ड्रोन की भी व्यवस्था होगी।
मालवाहकों पर न आएं श्रद्धालु
यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए कोई भी ट्रक, ट्रैक्टर एवं टैंपों आदि सवारी लेकर नयना देवी में नहीं आएगा। उन्हें कैंची मोड़, टोबा एवं भाखड़ा में ही रोक लिया जाएगा। बिना रूट कोई भी बस या बड़ी गाड़ी घवांडल से नए बस अड्डे तक नहीं जाएगी। घवांडल चैक पर पार्किग स्थल चिन्हि्त किए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद को निर्देश दिए की समस्त पार्किग में निर्धारित रेट को डिसप्ले करवाया जाए।इसके अलावा पांच स्थानों पर स्वास्थ्य सहायता कक्ष स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मुख्य मंदिर परिसर में किसी भी स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एक अस्थाई सहायता कक्ष लगाया जाए जिसमें 24 घंटे चिकित्सक उपलब्ध हो सके।