आवाज ए हिमाचल
29 मार्च। हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और जिलाधीशों के आवासों पर लगी सुरक्षा गारद हटा सकती है। विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने गृह विभाग को इसकी सिफारिश की है। समिति ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह ब्रिटिश लीगेसी है, जिसे छोड़ना होगा। समिति का कहना है कि चूंकि सभी एसपी और डीसी को निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) भी दिए गए हैं।
ऐसे में उनका घरों में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात करना सही नहीं है। समिति ने विभाग की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें एसपी व डीसी को खतरे के आकलन के आधार पर सुरक्षा देने की बात कही गई है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि लाहौल स्पीति, कुल्लू, सोलन और हमीरपुर में पुलिस अधीक्षकों को गारद मुहैया नहीं कराई जा रही है। समिति ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में स्वतंत्रता आंदोलन के चलते तब के डीसी और एसपी को कई तरह के कार्य करने होते थे, लेकिन अब किसी अधिकारी को कोई खतरा नहीं है। विभागीय सचिव ने भी समिति के इस सुझाव पर सहमति जता दी है।
फिलहाल इस व्यवस्था का रिव्यू किया जा रहा है और जल्द ही समिति को फिर रिपोर्ट भेजी जाएगी। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश पुलिस में लागू पंजाब पुलिस रूल्स के अनुसार सिर्फ डीजीपी स्तर के अधिकारी के घर पर ही स्थायी सुरक्षा गारद तैनात हो सकती है, लेकिन प्रदेश में डीजीपी के अलावा आईजी, डीआईजी, डीसी, एसपी स्तर के अधिकारियों के घरों पर भी सुरक्षा गारद तैनात है।