आवाज़ ए हिमाचल
23 मार्च। सेना में आए भर्ती घोटाला मामले के बाद आर्मी एक बड़ा फैसला करने जा रही है। भारतीय सेना ने भर्ती घोटाले के खिलाफ एक मजबूत विचार रखते हुए फैसला किया है कि वह अधिकारियों, कैडेटो को बाहर का रास्ता दिखाएगा जो घूस(रिश्वत) देकर सेना में शामिल हुए हैं। सेना ने कहा है कि वह ऐसे लोगों को बाहर निकालेगा जो पहले से ही अधिकारी बन चुके हैं या विभिन्न अकादमियों में प्रशिक्षण ले रहे हैं। सेना के वरिष्ठ सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया है कि सेना में भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है।
भारतीय सेना के अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले की अधिक जानकारी हासिल करने के लिए जांच में सक्रिय रूप से शामिल हैं।सेना के शीर्ष सूत्रों ने एएनआइ को बताया कि इस सैन्य घोटाले में शुरू में पकड़े गए अधिकारियों और पुरुषों से सीबीआई द्वारा पूछताछ की जा रही है और भारतीय सेना के अधिकारी भी जांच में शामिल हैं। अधिक विवरण सामने आ रहे हैं और उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में शामिल पाए गए थे। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई समझौता नहीं हो सकता। कोई भी व्यक्ति जो सेना में शामिल होने के लिए रिश्वत देते हुएपाया जाता है, चाहे वह पहले से ही कमीशन किया गया हो या प्रशिक्षण से गुजर रहा हो। उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने पहले ही ये स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी तरह से कोई सैन्य अधिकारी और जवान किसी अनैतिक काम या वित्तीय भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल पाया जाता है तो उसे सजा जरूर मिलेगी।
क्या है सैन्य भर्ती घोटाला मामला ?
सैन्य भर्ती घोटाले की आंतरिक जांच में सेना ने पाया था कि सेना के कुछ अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से घूस लेकर उन्हें पिछले साल दिसंबर के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के सर्विस सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) के लिए पास किया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने इस साल 13 मार्च को इस मामले में केस दर्ज किया था। सीबीआइ ने सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, नायब सूबेदार जैसे अधिकारियों, छह सिविलियन और अन्य समेत 17 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन लोगों के खिलाफ एसएसबी के जरिये सेना में अफसरों और अन्य पदों पर भर्ती में घूस लेने और अन्य अनियमितताएं बरतने का आरोप है।