आवाज़ ए हिमाचल
17 मार्च। पिछले साल कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगाए जाने के कारण दिल्ली के प्रदूषण में थोड़ी गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली दुनिया की सर्वाधिक प्रदूषित राजधानी बन गई है। मंगलवार को जारी वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता 2019 से 2020 की तुलना में 15 फीसदी बेहतर हुई है। बावजूद इसके दिल्ली दुनिया के प्रदूषित शहरों में दसवें स्थान और दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बन गई है। साल 2020 में भारतीय शहरों की वायु गुणवत्ता में 63 फीसदी का सुधार दर्ज किया गया। रिपोर्ट में पीएम-2.5 के आधार पर देशों, राजधानियों तथा शहरों की रैंकिंग की गई है। तीन सर्वाधिक प्रदूषित देशों में बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत हैं, जबकि तीन सर्वाधिक प्रदूषित राजधानियों में दिल्ली, ढाका और उलानबटोर हैं।
दिल्ली में पीएम 2.5 का वार्षिक औसत 84.1 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया, जबकि ढाका और मंगोलिया की राजधानी उलानबटोर में यह क्रमशः 77.1 तथा 46.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। इसी प्रकार भारत के तीन सर्वाधिक प्रदूषित महानगरों में दिल्ली, मुंबई तथा बंगलूर हैं। भारत के संदर्भ में ग्रीनपीस इंडिया के क्लाइमेट कैंपेनर अविनाश चंचल ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से भले ही दिल्ली समेत कई शहरों में प्रदूषण कम हुआ है, पर वायु प्रदूषण का अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव भयावह है। बेहतर यही होगा कि सरकार सतत और स्वच्छ ऊर्जा को प्राथमिकता दे। साथ ही यातायात के लिए सस्ते, सुचारु और कार्बन न्यूट्रल विकल्पों को बढ़ावा दे, जैसे कि पैदल चलना, साइकिलिंग और समावेशी सार्वजनिक यातायात को बढ़ावा दिया जाए।