आवाज़ ए हिमाचल
17 मार्च। केंद्र सरकार ने देश में डिवेलपमेंट फायनांस इंस्टीच्यूशन (डीएफआई) के गठन को मंजूरी दी है। मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि डिवेलपमेंट फायनांस बैंक इनवेस्टमेंट बैंक के रूप में काम करेगा। इसके जरिए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को फंड दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2021 के दौरान हमने कहा था कि हम इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिवेलपमेंटल एक्टिविटीज के लिए नेशनल बैंक बनाएंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डिवेलपमेंट फायनांस इंस्टीच्यूशन को स्थापित करने के लिए मंजूरी दे दी है। पहले भी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स पाने के लिए कोशिशें की गई थीं, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते कोई ऐसा बैंक नहीं बन सका, जो डिवेलपमेंट की फंडिंग कर सके और लांग टर्म रिस्क ले सके।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह बैंक लांग टर्म फंड्स को जुटाने में मदद करेगा। बजट 2021 इसे शुरुआती धनराशि मुहैया कराएगा। इस साल डीएफआई में लगभग 20000 करोड़ रुपए की पूंजी डाली जाएगी। शुरुआती ग्रांट 5000 करोड़ रुपए की होगी और ग्रांट के अतिरिक्त इन्क्रीमेंट 5000 करोड़ रुपए की लिमिट में किए जाएंगे। आगे कहा कि सरकार डीएफआई के लिए कुछ सिक्योरिटीज जारी करने की भी योजना बना रही है। इससे फंड्स की लागत कम रहेगी। इन सभी चीजों से डीएफआई को शुरुआती पूंजी का लाभ उठाने और विभिन्न स्त्रोतों से फंड जुटाने में मदद मिलेगी। साथ ही भारत के बांड मार्केट पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।