मंत्रालय ने राज्य सरकार से फोरलेन का री-अलाइनमेट प्लान मांगा

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आवाज ए हिमाचल

13 मार्च। कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण के लिए अभी तक पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिल पाई है। मंत्रालय ने राज्य सरकार से फोरलेन का री-अलाइनमेट प्लान मांगा था। राज्य सरकार ने प्लान मंत्रालय को भेजा, लेकिन उस पर मंत्रालय ने जिला स्तर की कमेटियों की ओर से तैयार प्लान पर सवाल खड़े किए हैं। फोरलेन में ब्राउन फील्ड में अलाइनमेंट बदलाव पर मंत्रालय ने राज्य सरकार से दोबारा स्पष्टीकरण मांगा है।

कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन में गरा, री भुवारइं मुहालों में बदलाव पाया गया है। वहीं ग्रीन फील्ड, मैहला, थापना, टाली सहित अन्य मुहालों व दोनों टनलों पर भी मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहायक महानिरीक्षक (वन) शशि शंकर ने राज्य सरकार को लिखे पत्र में उक्त फोरलेन के फेज एक से फेज पांच तक के अलाइनमेंट बदलाव की सही रिपोर्ट मांगी है। जिन खसरा नंबरों में अब रोड़ का निर्माण नहीं होगा और जिन खसरा नंबरों पर अब निर्माण किया जाएगा। उसका पूरा विवरण मंत्रालय ने मांगा है। इसके अलावा अवैध मक डंपिंग से जो खसरा नंबर प्रभावित हुए हैं, उनका भी विवरण मांगा है।

रूट बदलाव की अनियमितता पर 1.21 सेक्शन (3) में जबाब मांगा है। राज्य सरकार ने टनलों की जो  रिपोर्ट भेजी है। उस पर भी स्पष्टीकरण मांगा है। मंत्रालय ने इस पत्र में उक्त मुद्दों में विवरण के साथ केएमएल और नक्शों पर अलग-अलग रंगों से प्रदर्शित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं। फोरलेन प्रभावित एवं विस्थापित समिति के महासचिव मदन लाल शर्मा ने कहा कि मंत्रालय ने जो सात बिंदू उठाए हैं वो जनहित में हैं। इससे फोरलेन में बरती अनियमितताओं का भी खुलासा होगा। उन्होंने मांग की है कि पांचवें फेज से आगे भी इसी तरह की कार्रवाई अमल में लाई जाए।

 

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