12 मार्च। विश्व ग्लूकोमा सप्ताह (7-13 मार्च) के अंतर्गत सदर खण्ड मारकण्ड में ग्लूकोमा जागरूकता शिविर का आयोजन खण्ड चिकित्साधिकारी डॉ श्याम लाल वर्मा के दिशानिर्देशानुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नम्होल में किया गया जिसमें हेल्थ एजुकेटर व चिकित्सा अधिकारी डॉ चंदेल ओफथलमिक ऑफिसर सुनीता कुमारी ने ग्लूकोमा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई । ग्लूकोमा के कारण आँख में दबाव बढने के कारण नस में कमजोरी आने लगती है, इस बिमारी की शुरुआत में मरीज को लक्षण महसूस नहीं होते हैं और जब तक मरीज डॉक्टर के पास पहुंचता है तब तक मरीज 90 प्रतिशत नजर खो चुका होता है ।
ग्लूकोमा को काला मोतिया भी कहा जाता है । ग्लूकोमा के जोखिम कारण:- 1. आयु 40 वर्ष से अधिक 2. पारिवारिक इतिहास 3. दूर दृष्टि दोष या निकट दृष्टि दोष 4. आंख से अधिक प्रेशर 5. जिन लोगों को माइग्रेन, 6. निम्न रक्तचाप एवं शुगर है । लोगों को सलाह दी गई कि जल्दी से जल्दी अपनी आँखों को चैक करवायें ताकि इस बिमारी से बचा जा सके। इस शिविर में 40 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों का ग्लूकोमा के लिए स्क्रीनिंग किया गया जिनमें एक ग्लूकोमा का 9 साल पहले से उपचार ले रहा एक मरीज भी शामिल था उसके द्वारा भी लोगों को अवेयरनेस दिलवाई गई ताकि यह अवेयरनेस कैंप जनता के लिए अधिक फलदायक बने। इसके साथ ही लोगों को covid-19 से बचाव करने तथा 60 वर्ष की आयु के ऊपर वाले सभी व्यक्तियों को कोलोना के खिलाफ वैक्सीनेशन करवाने के लिए भी आग्रह किया गया। इस शिविर में लगभग 31 लोगों ने भाग लिया ।